वो चार साल…प्रदेश के लिए विकासपरक रहा त्रिवेंद्र का कार्यकाल
देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कार्यकाल जनहित की कई योजनाओं के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने महिलाओं को पति की पैतृक सम्पत्ति में सहखातेदार बनाने का फैसला लिया। उन्होंने पहाड़ की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री घस्यारी योजना लागू करने का अभूतपूर्व फैसला लिया।
अटल आयुष्मान योजना को प्रदेश के हर व्यक्ति तक पहुंचाते हुए पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने का काम किया। ग्रामीण और शहरी गरीब तबके के लोगों को जल जीवन मिशन के तहत एक रुपये में पानी का कनेक्शन देने का काम किया। देवस्थानम् बोर्ड का गठन का साहसिक भी केवल त्रिवेन्द्र रावत ही ले सकते थे।
राज्य में महिलाओं, किसानों और पहाड़ का विकास में त्रिवेन्द्र रावत का विशेष फोकस रहा। इसके लिए उन्होंने कई साहसिक और ऐतिहासिक फैसले लिये। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत का जोर रिवर्स पलायन पर भी रहा। और पहाड़ों में पलायन रोकने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना भी चलाई। इस योजना के जरिए प्रदेश के कई नौजवानों ने स्वरोजगार को अपनाया।
गौरतलब है पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत उस समय प्रदेश की कमान संभाल रहे थे, जिस समय कोरोना पूरे विश्व में कहर बन के टूट रहा था। उन्होंने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त रखा साथ ही उत्तराखंड प्रवासियों की घर वापसी को लेकर कई कदम भी उठाए। त्रिवेंद्र सरकार ने कई ऐसी स्वरोजगार की नीतियां बनाई जिससे प्रदेश के लोगों को नौकरी के लिए बाहर ना जाने पड़े।
बतौर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तमाम विरोधों के बावजूद उत्तराखण्ड देवस्थानम् बोर्ड गठन करने का सिर्फ फैसला लिया बल्कि अपने इस फेसले पर वे अटल भी रहे। शिक्षक और कर्मचारी संगठनों के बड़े विरोध के बावजूद भी प्रदेश में भ्रष्टाचार की जननी बनी ट्रांसफर में मनमानी के खिलाफ तबादला एक्ट लागू किया। उनके अगुवाई में प्रदेश में सहकारिता को नई पहचान मिली। प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकारी अस्पतालों को पीपीपी मोड में संचालित करने का फैसला लिया।
किसानों की माली हालत को सुधारने के लिए किसानों और कृषक समूह को तीन लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त दिया।
राज्य में सीएम सोलर स्वरोजगार योजना के जरिए बड़े प्रोजेक्ट के साथ ही 25 किलोवाट के छोटे प्रोजेक्ट भी आंवटित किये ताकि समाज का हर तबका इस योजना से लाभ उठा सके।
बतौर सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कार्यकाल प्रदेश में शिक्षा में सुधार के लिए भी याद किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश में शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता लाने के लिए प्रदेश में एनसीआरटीई की पुस्तके लागू कराई। प्रदेशों के नौनिहालों को अच्छी और क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराने के लिए हर ब्लॉक में दो इण्टर कालेजों को सीबीएसई बोर्ड से जोड़ने का फैसला लिया।
त्रिवेन्द्र के ऐतिहासिक फेसले जो बने मील का पत्थर
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया
तबादला एक्ट
सीएम घस्यारी योजना
महिलाओं को संपत्ति में सहखातेदार बनाना
जल जीवन मिशन के तहत एक रुपये में पानी का कनेक्शन
अटल आयुष्मान योजना
चारधाम देवस्थानम् बोर्ड का गठन
पलायन आयोग का गठन सीएम सोलर स्वरोजगार योजना