कन्हैयालाल हत्याकांड की तहकीकात अब यूपी तक पहुंची, पीलीभीत में दावत-ए-इस्लामी की जांच तेज
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है। पीलीभीत में दावत-ए-इस्लामी के ठिकानों की तेजी से तहकीकात हो रही है। जांच में इस बात का पता चला है कि पीलीभीत में 1400 जगहों पर दावत-ए-इस्लामी के गुल्लक रखे गए हैं। इन गुल्लक के जरिए फंड जमा किया जाता था। गुल्लक की जांच के साथ-साथ दावत-ए-इस्लामी के स्कूलों पर भी एक्शन हुआ है।
बिना मान्यता के स्कूल चलाने का आरोप
उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने दावत-ए-इस्लामी को नोटिस भेज कर 2 दिनों के भीतर स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। आरोप है कि दावत-ए-इस्लामी बिना मान्यता के स्कूल चला रहा है। कन्हैयालाल हत्याकांड केस में पुलिस दावत-ए-इस्लामी की भूमिका की जांच कर रही है। यह तहकीकात इसलिए हो रही है क्योंकि हत्याकांड के एक आरोपी रियाज का संबंध दावत-ए-इस्लामी से है।
उधर, कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच कर रही NIA की टीम अपने डेढ़ दर्जन से ज्यादा सदस्यों के साथ आज उदयपुर पहुंची। आज सुबह इस टीम ने अपना अभियान शुरू किया और इस केस में गिरफ्तार आरोपियों के घर और उनके ठिकानों पर दबिश दी। कन्हैयालाल मर्डर केस में हिरासत में लिए गए संदिग्धों से एनआईए की टीम पूछताछ करेगी। वहीं NIA टीम आज सीन का रीक्रिएशन भी कराएगी।
कन्हैयालाल की हत्या के बाद उदयपुर के 7 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू
गौरतलब है कि उदयपुर शहर में पिछले दिनों दो लोगों ने दर्जी कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी, जिसके बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। शहर के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की कथित विवादास्पद टिप्पणी का सोशल मीडिया पर समर्थन करने पर दर्जी कन्हैयालाल की पिछले हफ्ते रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद नाम के दो लोगों ने चाकू से हमला कर हत्या कर दी थी। दोनों आरोपियों को वारदात के कुछ घंटों बाद राजसमंद के भीम क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया था।
इस बीच केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी उदयपुर में कन्हैयालाल के परिजनों से मुलाकात कर उनका दर्द साझा किया। शेखावत ने कहा कि कन्हैयालाल को बार-बार धमकी मिलने के बावजूद पुलिस द्वारा केवल आश्वासन देना, बार-बार सुरक्षा की गुहार लगाने के बावजूद सुरक्षा प्रदान न करना, बल्कि उन्हीं को सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए बाध्य करना और अंतिम समय तक सुरक्षा मांगने पर यह कहना कि ‘वी आर जस्ट ए फोन कॉल अवे’ (हम बस एक फोन कॉल दूर हैं) शर्मनाक है।