मलिन बस्तियों में बुलडोजर चलाये जाने को यूकेडी ने बताया गलत
देहरादून। यूकेडी ने नगर निगम देहरादून, नगर पालिका, मसूरी और एमडीडीए द्वारा रिस्पना नदी के किनारे बसे घरों को बुलडोजर चलाकर तोडा को गलत बताया है। यूकेडी महानगर अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि विनियमितिकरण के नाम पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मलिन बस्तियों के लोगों को सालों से कई सालों से छल रही है। उन्होंने कहा कि यदि विनियमतिकरण पर ईमानदारी से बोर्डो द्वारा काम होता तो आज ये गरीब लोग अपने खून पसीने की कमाई से बनाये गये घरों से बेघर ना होते।
महागनगर अध्यक्ष रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड क्रांति दल लगातार मलिन बस्तियों के विनियमतिकरण करने के लिए लगातार संघर्षरत् रहा है। आज 2016 के बाद बसे मकानों को उजाडा जा रहा है और बकाया मकानों पर भी नगर निगम व एमडीडीए लगातार तोडने के लिए प्रयासरत् है। उन्होंने कहा कि जनहित में उसे तुरन्त रोका जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि लम्बे समय से कुछ नेता मलिन वस्तियों के नाम से राज कर रहे है। लेकिन आज जब वह कष्ट में है तो एक शब्द भी उनके मुंह से नही निकल रहा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि यदि 2016 से पूर्व का मकान अवैध था तो उन्हे नगर पालिकाओं व निगमों ने उन बस्तियों में मूलभूत सुविधायें, पानी, बिजली, मार्ग, नाली सफाई आदि की व्यवस्थाये क्यों दी? इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वोट की खातिर जिन नेताओं ने उन्हे बसाया और जिन कर्मचारियों ने नेताओं के कहने पर पैसे का लेन-देन कर उन्हे बसाने में सहयोग किया, इसकी भी जांच की जानी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मलिन बस्तियों को तोडने से पहले दूसरी जगह विस्थपित किया जाए।