सपा सांसद एसटी हसन बोले- ‘मुसलमान नहीं मानेंगे यूसीसी, हमारे लिए कुरान सर्वोपरि है..’

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मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एस टी हसन ने यूसीसी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा कि मुसलमान यूसीसी को नहीं मानेंगे. इसके साथ ही उन्होंने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को लेकर कहा कि अगर वो खुद को कुरान से ऊपर मानते हैं और कुरान के हुक्म को गलत समझते हैं तो उन्हें सलाह है कि वह इस्लाम को छोड़ दें और कहीं और चले जाएं. फिल्म ’72 हूरें’ को लेकर सपा सांसद ने कहा कि अब फिल्में भी राजनीति कर रही हैं. हूरों के बारे में गलत भ्रम फैलाया जा रहा है.

सपा सांसद डॉ एस टी हसन ने यूसीसी को लेकर कहा, 75 साल से देश बहुत अच्छी तरह से चल रहा है किसी को किसी के कानून से कोई परेशानी नहीं हुई है अभी तक हमारे जो मुस्लिम पर्सनल लॉ है, जो कुरान पाक ने हमें हिदायत दी हैं और हम मुसलमान कुरान पाक को अल्लाह का हुक्म मानते हैं, वह हमारे लिए सबसे ऊपर है. जब उससे किसी को कोई परेशानी नहीं हो रही है तो फिर इसे लाने की जरूरत क्या है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पसमांदा पर आजकल बहुत फोकस किए हुए हैं लेकिन हम जानते हैं कि मुसलमानों में ना कोई पसमांदा है ना कोई ऊंचा है. मुसलमान सब बराबर हैं सभी एक मस्जिद में एक साथ नमाज पढ़ते हैं एक साथ बैठकर खाना खाते हैं मुसलमानों में कोई ऊंच-नीच नहीं है.

‘मुसलमान नहीं मानेंगे यूसीसी’

एसटी हसन ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बयान पर कहा कि उनका तो हमेशा से इस्लाम के खिलाफ ही प्रोपेगेंडा रहता है. उनकी दुनिया की इच्छाएं इतनी बढ़ी हुई हैं कि वह अब कुछ और चाह रहे होंगे. वह कुरान पढ़ लें और उसका अनुवाद भी समझ लें कि किस तरह अल्लाह ने हिस्सा देने का हुक्म दिया है. अगर वह कुरान से ऊपर अपने आप को समझते हैं या कुरान के आदेश को गलत समझते हैं तो मेरा मशवरा है कि वो इस्लाम को छोड़ दें और कहीं और चले जाएं. उन्होंने कहा, अगर सरकार ने यूसीसी बिल के जरिए कुरान के बताए रास्ते को पलटने की कोशिश की तो हम उसे नहीं मानेंगे. हर मुसलमान के लिए सबसे पहले कुरान का जो आदेश है वही सर्वोपरि है.

मुसलमानों के उत्पीड़न के लिए लाया जा रहा है कानून

सपा सांसद ने कहा, यूसीसी सिर्फ मुसलमानो का उत्पीड़न करने के लिए लाया जा रहा है. अगर कोई अपनी दूसरी शादी कर रहा है तो आपको क्या परेशानी है. इनका सारा ध्यान मुसलमानों पर है और झूठ बोल-बोल कर इन्होंने कुछ ऐसे मुसलमानो को अपने साथ कर लिया है जो दुनियावी फायदे के लिए इनके साथ खड़े हो जाते हैं. अगर यूसीसी संसद में आता है तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे. हम धार्मिक आज़ादी को चोट पहुंचाने वाले हर कानून का विरोध करेंगे, यह देश अनेकताओं में एकता वाला देश है अनेकों धर्मों वाला देश है.

फिल्म ’72 हूरें’ को बताया राजनीतिक

फिल्म ’72 हूरें’ को लेकर डॉ एस टी हसन ने कहा कि फिल्में भी अब राजनीति कर रही हैं, चुनाव आया था तो कश्मीर फाइल फिल्म आ गई, उसमें अधूरा दिखाया गया था ये नहीं दिखाया गया कि कैसे मुसलमानों ने अपनी जान पर खेलकर हिंदू भाइयों को बचाया था, अब यह ’72 हूरें’ लेकर आए हैं. यह भी राजनीतिक है. हूर की कल्पना तो जन्नत की है. जन्नत में शारीरिक ज़रूरतें नहीं है. वहां मर्द-औरत का कोई रिश्ता नहीं है. अगर सेविकाएं हैं तो उसमें क्या बुराई है? हूरों के बारे में गलत भ्रम लोग फैलाते हैं.