November 25, 2024

पीएम मोदी से लेनी पड़ रही मदद, अपना ही विवाद नहीं सुलझा पा रहे, स्टालिन की चिट्ठी पर बोले केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर

Rajeev Chandrasekhar

जो पार्टियां अपना ही विवाद नहीं सुलझा पा रही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विवाद सुलझाने की मांग कर रही है.’ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की चिट्ठी पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A यानी यूपीए की दो वंशवादी पार्टियां कांग्रेस और डीएमके, जो सिर्फ इसलिए एक साथ आए, क्योंकि वे पीएम नरेंद्र मोदी से नफरत करते हैं, और अपना परिवार बचाना चाहते हैं- अब अपने विवाद को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री से मदद मांगने के लिए चिट्ठी लिख रहे हैं, क्योंकि वे इसे खुद नहीं सुलझा सकते.

केंद्रीय मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि “ये जोकर चाहते हैं कि मतदाता सोचें कि वे लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, जबकि वे अपनी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते?” तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. सीएम ने मांग की है कि वह (पीएम) कर्नाटक सरकार को कावेरी नदी का पानी रिलीज करने का निर्देश दें. अपनी चिट्ठी में उन्होंने किसानों को हो रही समस्याओं का हवाला दिया, जहां उनकी धान की फसल पर संकट आ बनी है.

तमिलनाडु सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कर्नाटक सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान नहीं करने और कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया. कर्नाटक ने 40.4 मिलियन क्यूबिक फीट पानी के मुकाबले 2023-24 में अबतक सिर्फ 11.6 मिलियन क्यूबिक फीट पानी ही छोड़ा है. इससे तमिलनाडु की मुसीबत बढ़ गई है. किसानों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सीएम स्टालिन ने कहा कि किसानों की धान की खेती पर संकट आ गई है.

अपना ही विवाद नहीं सुलझा पा रही वंशवादी पार्टियां- केंद्रीय मंत्री

अगले साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को टक्कर देने के दो दर्जन से भी ज्यादा पार्टियों ने गठबंधन किया है. इस गठबंधन का नाम I.N.D.I.A रखा गया है. इसको लेकर सत्ता पक्ष कांग्रेस और अन्य पार्टियों पर हमलावर है. अभी केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया है कि वे अपना ही विवाद नहीं सुलझा पा रहे हैं. विवाद निपटाने के लिए भी पीएम मोदी की मदद लेनी पड़ रही है.