मैराथन बैठक के बाद यूपी के लिए बीजेपी ने तैयार किया चुनावी रोडमैप, ये नेता बन सकते हैं MLC
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में महज 6 महीने का वक़्त ही बचा हैं. ऐसे में सत्तासीन पार्टी बीजेपी ने यूपी में दोबारा सत्ता अर्जित करने के लिए अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. उत्तर प्रदेश में संगठन व सरकार को तमाम कामों में भी लगाया जा रहा है जिससे कि चुनाव से पहले बीजेपी अपने पक्ष में ऐसा माहौल तैयार करे जहां से विपक्षी पार्टियां दूर तक भी नजर न आएं.
दिल्ली में हुई मैराथन बैठक
बीजेपी ने कल देर रात उत्तर प्रदेश में अपने आगामी कार्यक्रमों को लेकर साढ़े तीन घण्टे से भी ज्यादा देर तक मैराथन बैठक की. गृहमंत्री अमित शाह के घर हुई इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, यूपी संगठन महामंत्री सुनील बंसल व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष शामिल हुए. बैठक में सरकार व संगठन के कामकाज की समीक्षा के साथ पीएम नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के केंद्रीय नेताओं के यूपी प्रवास की योजना पर मंथन हुआ. साथ ही केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हुए लोगों तक पार्टी की पहुंच को लेकर भी चर्चा हुई.
सहयोगी दलों के साथ को लेकर हुआ मंथन
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के इस वक़्त दो प्रमुख दल सहयोगी के तौर पर हैं जिनमे एक अपना दल(एस) और दूसरी निषाद पार्टी हैं. अपना दल की ओर से केंद्र में अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाये जाने के बाद निषाद पार्टी को भी अब उत्तर प्रदेश में महत्त्वपूर्ण स्थान देने को लेकर चर्चा हुई. कल गृहमंत्री अमित शाह के घर देर रात तक चली बैठक में निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद को भी बुलाया गया जहां पर उनसे बातचीत कर आगे की रणनीति तैयार की गई. निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने यूपी में निषाद पार्टी की सहभागिता के साथ मछुआरा समुदाय के आरक्षण के मुद्दे पर अपनी बात बीजेपी आलाकमान के समक्ष रखी.
एमएलसी उम्मीदवारों के नाम को लेकर हुई चर्चा
उत्तर प्रदेश में चार एमएलसी के पदों के लिए उम्मीदवार तय किये जाने हैं जिसके लिए कल बैठक पर नामों की चर्चा की गई. सूत्रों के अनुसार निषाद पार्टी की तरफ से डॉ संजय निषाद व कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में आये जितिन प्रसाद को एमएलसी बनाया जा सकता है. इसके अलावा एक अन्य ब्राम्हण चेहरा व अति पिछड़े वर्ग से एमएलसी बनाया जा सकता हैं.