विधानसभा चुनाव: बाहुबली अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को AIMIM ने प्रयागराज वेस्ट सीट से दिया टिकट

Shaista-Parveen-AIMIM

यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रयागराज पश्चिम विधानसभा सीट से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने माफिया डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को मैदान में उतारा है. यह सीट कभी अतीक का गढ़ मानी जाती थी. बाहुबली अतीक अहमद फिलहाल जेल में बंद हैं और लगातार उनके गैंग से जुड़ी संपत्तियों पर योगी सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है. अतीक ने कई बार इलाहाबाद पश्चिम से विधानसभा चुनाव जीता था.

TOI में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि पार्टी द्वारा उनकी उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. वहीं एआईएमआईएम के डिविजनल प्रवक्ता अफसर महमूद ने कंफर्म किया है कि वह इलाहाबाद पश्चिम से पार्टी की उम्मीदवार होंगी. प्रयागराज की शहर पश्चिमी सीट से अतीक अहमद का पुराना नाता है. पांच बार के विधायक रहे अतीक इस सीट से निर्वाचित हुए थे. अतीक फूलपुर सीट से सांसद भी रहे. अतीक के अहमदाबाद जेल जाने के बाद शाइस्‍ता परवीन ने एआईएमआईएम ज्‍वाइन की थी. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि बाहुबली अतीक खुद या उनके परिवार का कोई सदस्‍य इस सीट से चुनावी मैदान में उतर सकता है. आखिरकार अब उनकी पत्‍नी शाइस्‍ता परवीन इस सीट से एआईएमआईएम की उम्‍मीदवार होने जा रही हैं.

5 बार निर्दलीय के रूप में जीते थे अतीक

अतीक ने 1989, 1991 और 1993 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में और 1996 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में इलाहाबाद पश्चिम से कई बार विधानसभा चुनाव जीते थे, जबकि 2002 में उन्होंने अपना दल के टिकट पर सीट हासिल की थी. शाइस्‍ता परवीन के इस सीट पर उम्‍मीदवार होने से कांटे की टक्‍कर होने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

बाहुबली अतीक अहमद खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगे यह अभी साफ नहीं हो पाया है. चर्चा है कि अतीक ने प्रयागराज की तीन सीटों, शहर पश्चिमी, दक्षिणी और फाफामऊ पर चुनाव लड़ने की सहमति मांगी थी. शहर पश्चिमी सीट पर उनकी पत्‍नी का टिकट तय हो जाने के बाद अब अतीक और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के चुनाव लड़ने को लेकर कयासबाजी तेज है.

2004 में अतीक ने खाली की थी सीट

हालांकि, जब वह 2004 में फूलपुर से सांसद बने, तो उन्होंने सीट खाली कर दी और अपने भाई खालिद अजीम ‘अशरफ’ को मैदान में उतारा, जो 2004 के उपचुनाव में बसपा के राजू पाल से हार गए थे. राजू पाल की हत्या के बाद, जिसमें अतीक और उनके भाई दोनों मुख्य आरोपी हैं, 2005 के उपचुनावों में खालिद अजीम ने सपा उम्मीदवार के रूप में राजू पाल की विधवा बसपा की पूजा पाल को हराया और विजयी रहे थे. 2007 के विधानसभा चुनाव में, पूजा ने बसपा उम्मीदवार के रूप में सपा के खालिद अजीम को हराया और फिर 2012 में अपना दल के टिकट पर अतीक को हराकर सीट बरकरार रखी. हालांकि, 2017 के पिछले विधानसभा चुनावों में, भाजपा के सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सीट जीती थी और मौजूदा विधायक हैं.

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