प्रियंका और जयंत की मुलाकात से क्यों परेशान हैं अखिलेश? क्या कांग्रेस देने वाली है सपा को बड़ा झटका!
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की राजनीतिक सक्रियता से सिर्फ बीजेपी ही नहीं समाजवादी पार्टी भी परेशान नज़र आ रही है. प्रियंका की लगातार घोषणाओं, किसान परिवारों से मुलाक़ात के बीच एक ऐसी मुलाक़ात भी हुई है जिससे अखिलेश के लिए 2022 में परेशानियां बढ़ती नजर आ रही हैं. रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के बीच लखनऊ एयरपोर्ट पर मुलाकात हुई. इस दौरान काफी देर तक दोनों के बीच बातचीत हुई जिसके बाद कयासों का बाजार गर्म है.
बता दें कि सपा और आरएलडी के बीच गठबंधन पर सहमति बनी हुई है लेकिन सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर चर्चा जारी और कई तरह के मतभेद भी सामने आने की ख़बरें हैं. प्रियंका और जयंत की मुलाकात के बाद इस तरह की चर्चाएं हैं कि कांग्रेस अब आरएलडी को अपने पाले में लाने कोशिश में है. मिली जानकारी के मुताबिक़ प्रियंका गांधी रविवार को गोरखपुर से जनसभा करके लखनऊ से दिल्ली के लिए लौट रही थी जबकि जयंत चौधरी लखनऊ में अपनी पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र जारी करके दिल्ली वापस लौट रहे थे. इसी दौरान प्रियंका-जयंत दोनों ही एक ही समय राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डे एयरपोर्ट पर पहुंच गए. इस दौरान एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में दोनों नेताओं की मुलाकात हो गई, जहां एक-दूसरे का हाल-चाल जाना और कुछ देर तक उनमें बातचीत हुई हैं.
सपा-आरएलडी के बीच सबकुछ ठीक है?
बता दें कि अखिलेश और जयंत दोनों ही गठबंधन को लेकर सहमति जाहित कर चुके हैं लेकिन सीट शेयरिंग पर पेच फंसा हुआ है. दोनों ही दलों के बीच अभी तक सीट बंटवारे को लेकर तो कोई सहमति बन पाई है और न ही कोई फॉर्मूला सामने आया है. अखिलेश यादव लगातार आरएलडी को सीटें देने से जुड़े सवालों को टालते नज़र आते हैं. उधर जयंत चौधरी भी अभी तक खुलकर गठबंधन को लेकर बयान नहीं दे रहे हैं और उन्होंने 2022 तक के लिए टाल दिया है.
कांग्रेस से जयंत की बातचीत से सरगर्मियां बढीं
प्रियंका से पहले कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने भी जयंत चौधरी से मुलाकात की थी. कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और जयंत चौधरी के बीच हाल ही में कई बार मुलाकात हुई हैं. यूपी में जाट समुदाय को साधने लिए कांग्रेस ने दीपेंद्र हुड्डा को लगा रखा है. प्रियंका गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच भी मुलाकात और बातचीत हुई थी.
प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी के बीच मुलाकात ऐसे समय हुई है जब कांग्रेस यूपी में एक मजबूत सहयोगी के तलाश में है जिसके सहारे 2022 के चुनावी नैया पार लगा सके. कांग्रेस के यूपी ऑब्जर्वर व छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने हाल ही में गठबंधन के लिए छोटे दलों को ऑफर दिया है. किसान आंदोलन से आरएलडी को पश्चिम यूपी में राजनीतिक संजीवनी मिली है, जिसके चलते कांग्रेस की नजर जयंत चौधरी पर है.
किसान आंदोलन पर तीनों पार्टियां मुखर
किसान आंदोलन के मामले में तीनों पार्टियां नए किसान कानूनों के खिलाफ खड़ी हैं. जयंत, अखिलेश और प्रियंका लगातार किसान परिवारों से मिल रहे हैं और महापंचायतों में भी नज़र आ रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक आरएलडी यूपी में 65 से 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जिसमें सबसे ज्यादा सीटें पश्चिम यूपी की है तो कुछ सीटें पूर्वांचल के इलाके की भी है.
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में आएलडी को महज तीन सीटें सपा-बसपा ने दी थी. ऐसे में सपा 2022 के विधानसभा चुनाव में 15 से 22 सीटें ही देने के मूड में है, जिस पर आरएलडी राजी नहीं है. इसकी वजह यह भी है कि जयंत चौधरी ने दूसरे दलों के नेताओं को बड़ी संख्या में पार्टी में शामिल कर लिया है, वो सब टिकट के दावेदारी कर रहे हैं. आरएलडी उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जहां जाट और मुस्लिम निर्णायक भूमिका में है.