उत्तर प्रदेश:10 महीने में 1000 के करीब एनकाउंटर और 2,000 से अधिक अपराधियों सलाखों के पीछे
उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार सत्ता में आई है, तभी से बदमाशों और अपराधियों के लिए सख्त रुख अपना रही है। महज 10 महीने पुरानी इस सरकार के शासनकाल में 1000 के करीब एनकाउंटर कर 2,000 से अधिक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है।
संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार हाल ही में यूपीकोका (UPCOCA) कानून भी लेकर आई है, जो विधानसभा में पास भी हो चुका है। यूपीकोका कानून में अंडरवर्ल्ड, जबरन वसूली, जबरन मकान और जमीन पर कब्जा, वैश्यावृत्ति, अपहरण, फिरौती, धमकी और तस्करी जैसे अपराधों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह भी चुके हैं कि गुंडे बदमाश प्रदेश छोड़कर चले जाएं नहीं तो जेल जाने के लिए तैयार रहें। योगी की अपराध पर लगाम लगाने के लिए किए गए की गई घोषणाएं शुरू में तो बड़े बड़े वादों की तरह ही लग रही थी, लेकिन प्रदेश पुलिस ने साल के आखिर में अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों की जो लिस्ट जारी की है, वह बताती है कि योगी सरकार ने कितनी गंभीरता से राज्य में अपराध के खात्मे की ओर कदम बढ़ाए हैं।
इन आकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार में पुलिस और बदमाशों के बीच अब तक कुल 895 मुठभेड़ हुए, जिनमें सर्वाधिक 358 एनकाउंटर अकेले मेरठ जिले में हुए। आगरा में 175 एनकाउंटर हुए और वह इस मामले में दूसरे स्थान पर रहा, जबकि बरेली में 149 एनकाउंटर हुए।
इन एनकाउंटर के दौरान पुलिस 2186 बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफल रही। प्रदेश पुलिस ने योगी सरकार के महज 10 महीने में 26 शातिर अपराधियों को मार गिराया। हालांकि 3 पुलिसकर्मियों को भी अपनी शहादत देनी पड़ी। पुलिस की कार्यप्रणाली पर अक्सर सवाल उठाए जाते रहे हैं कि वह बेगुनाहों को फंसा देती है और असली अपराधी बाहर आजाद घूमते रहते हैं।
लेकिन बीते 10 महीने के ये आंकड़े कुछ और ही कहानी कहते हैं। यूपी पुलिस ने इस दौरान जिन 2186 अपराधियों को गिरफ्तार किया, उनमें से 1680 अपराधी वांटेड थे और उन पर इनाम भी घोषित था। यूपी पुलिस ने अकेले सितंबर माह में 13 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया। अकेले मेरठ में 17 बदमाश मारे गए।
हालांकि राजधानी लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी के गृहनगर गोरखपुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पुलिस की कार्वाइयां कम ही देखने को मिलीं। गोरखपुर जोन में सिर्फ 24 एनकाउंटर हुए जबकि लखनऊ में 27 और वाराणसी ज़ोन में 39 एनकाउंटर किए गए।
गिरफ्तार अपराधियों के प्रति भी पुलिस का रवैया बेहद सख्त रहा. कुल 110 अपराधियों के खिलाफ रासुका लगाया गया और गैंगस्टर ऐक्ट के तहत अपराधियों की 123 संपत्तियां जब्त की गईं, जिनकी कुल कीमत करीब 125 करोड़ रुपये रही। अब चूंकि राज्य में महाराष्ट्र की तर्ज पर संगठित अपराधों पर नकेल कसने के लिए नया कानून UPCOCA आ गया है, तो उम्मीद है आने वाले समय में अधिक तेजी से अपराधी सलाखों के पीछे दिखाई देंगे और प्रदेश पर लंबे समय तक चस्पा रही गुंडाराज की छवि खत्म होगी।