योगी सरकार ने पेश किया 7 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट, चुनावी साल के लिहाज से जानें क्या है खास

vidhan shabha

यूपी की योगी सरकार ने मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश कर दिया है. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को अनुपूरक बजट पेश किया. अनुपूरक बजट पेश करने से पहले विपक्षी दलों का हंगामा देखने को भी मिला. विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर प्रदर्शन किया. सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि प्रदेश में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है.

पेश हुआ 7 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट

प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बुधवार को विधानसभा में 7301.52 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया. वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह 7301.52 करोड़ रुपये का बजट है जो मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित पांच लाख 50 हजार करोड़ रुपये के वार्षिक बजट का 1.33 फीसद है. उन्होंने कहा कि यह बहुत छोटा अनुपूरक बजट है और इसमें खासतौर पर उन बातों पर ध्यान दिया गया है जो अत्यंत जन कल्याणकारी हैं या किसी-किसी योजना को पूरा करने के लिए हैं.

युवाओं और किसानों पर दिया ध्यान

वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें कुछ नई मांगे भी हैं. खासतौर से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजन करने के लिए 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. गन्ना मूल्य का भुगतान, अधिवक्ताओं के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि, आंबेडकर स्मारक तथा सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं तथा चौकीदारों के लिए मानदेय में वृद्धि, विद्युत व्यवस्था में सुधार, गोवंशीय पशुओं का रखरखाव और अयोध्या में सुविधाओं और पार्किंग की व्यवस्था और साथ ही साथ मूलभूत ढांचा में वृद्धि जैसी कुछ मुख्य बातें अनुपूरक बजट में शामिल हैं.

खन्ना ने कहा कि इस पर विस्तृत चर्चा तो कल होगी, लेकिन हम विशेष रूप से कहना चाहते हैं कि कि इस साढ़े चार साल की सरकार में जनता का नजरिया बदला है. लोक दृष्टि सबसे बड़ा मानदंड होता है किसी भी सरकार के मूल्यांकन का और आज जनता की आवाज की उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं और पुराने कई रिकॉर्ड को तोड़ा भी है. इसलिए मैं पूरे सदन से अनुरोध करना चाहता हूं कि यह मात्र 1.33 प्रतिशत का अनुपूरक बजट है. अगर बिना चर्चा के ही सभी इसे पारित कर दें तो बहुत अच्छा रहेगा.