September 22, 2024

बीजेपी के वोट बैंक पर बसपा की निगाह, पार्टी ने इस फैसले के जरिए चला बड़ा दांव

उत्तर प्रदेश में बीएसपी प्रमुख मायावती ने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का एलान कर दिया है. पार्टी के नए अध्यक्ष भी अति पिछड़े वर्ग से ही हैं. लेकिन बसपा थिंक टैंक का मानना की इससे पाल और अन्य अति पिछड़ा वर्ग वोटर में ज्यादा सेंधमारी हो सकेगी. नवंबर 2020 में बसपा ने मुनकाद अली को हटाकर भीम राजभर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. बीएसपी अपने नए दांव से बीजेपी के वोट में सेंध लगा सकती है.

लेकिन इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बसपा सिर्फ एक सीट जीत सकी थी. खुद भीम राजभर मऊ से चुनावी रण में उतरे थे लेकिन अपनी सीट ना बचा सकी. इसके बावजूद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भीम राजभर पर अपना विश्वास बनाए रखा. लेकिन अब निकाय चुनाव से ठीक पहले प्रदेश अध्यक्ष को बदला गया. बसपा की तैयारी पश्चिम में मुसलमान और पूर्वी यूपी में अति पिछड़ों का समीकरण बनाने की हो रही है.

मायावती का एलान

मायावती ने पश्चिमी यूपी में इमरान मसूद को प्रभारी बनाया हुआ है. वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी को सहारनपुर से महापौर प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है. अब पूर्वी यूपी में विश्वनाथ पाल पिछड़ों को साथ लेकर पार्टी को मजबूत करेंगे. मायावती ने उनके नाम का एलान करते हुए लिखा, “वर्तमान राजनीतिक हालात को मद्देनजर रखते हुए बीएसपी, यूपी स्टेट संगठन में किए गए परिवर्तन के तहत् विश्वनाथ पाल, मूल निवासी ज़िला अयोध्या को बीएसपी यूपी स्टेट का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.”

राजनीति के जानकारों का कहना है कि बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष बदलकर दलित, पिछड़ा और मुस्लिम कॉम्बिनेशन बनाकर एक साथ लाने की जुगत में लगी है. शायद इसी वजह से नया प्रदेश अध्यक्ष का दांव खेलने का प्रयास किया गया है. अयोध्या से ओबीसी जाति के व्यक्ति को अध्यक्ष बना कर बीएसपी, बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के वोट में सेंधमारी कर सकती है.


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