LAC पर भारत से पीटने से बौखलाया चीन, भारतीय सेटेलाइट को बना रहा निशाना !

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सरहद पर भारतीय सैनिकों के हाथों पीटने के बाद चीन बैखलाय गया है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि भारत से इसका कैसे बदला लिया जाए। चीन को पता है कि आमने-सामने की जंग में भारतीय सैनिकों के सामने उसका पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) कहीं नहीं टिक सकता। लिहाजा अब वो छद्म युद्ध की नीति अपना रहा है। चीन अब भारती सैटेलाइट्स को निशाना बना रहा है। यह खुलासा यूएस-आधारित चाइना एयरोस्पेस स्टडीज इंस्टीट्यूट (CASI) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है।

दरअसल चीन इतिहास के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। भारत से पंगा लेकर चीन ऐसे फंस गया है, न तो उससे निगलते बन रहा है न उगलते। कभी वो शांति की बात करता है तो कभी युद्ध की धमकी भी देता है। इसी क्रम में वो भारत के साथ लगती एलएसी (LAC) पर लगातार अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है, हालांकि उसे लगातार नाकामी ही हाथ लग रही है। अब तो आलम ये हैं कि वो नीच हरकत पर उतर आया है। 

एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि चीन सिर्फ भारत की जमीन ही नहीं, आसमान में उसके सैटेलाइट्स को भी निशाना बनाना चाहता है। यूएस-आधारित चाइना एयरोस्पेस स्टडीज इंस्टीट्यूट (CASI) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन ने भारतीय कम्युनिकेशन सैटेलाइट पर खतरनाक हमला किया। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने 2007 से लेकर अबतक भारतीय सैटेलाइट्स कम्‍युनिकेशंस पर कई बार साइबर अटैक किया। रिपोर्ट में 2017 में भारतीय सैटेलाइट्स पर हुए कम्‍प्यूटर नेटवर्क अटैक का विस्‍तार से जिक्र किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ये तो कहा कि साइबर हमलों का खतरा लगातार बना रहता है। लेकिन उसने दोहराया कि अभी तक उसके सिस्‍टम्‍स तक पहुंच नहीं बनाई जा सकी है।

CASI की 142 पेज की रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि 2012 और 2018 के बीच चीन ने कई साइबर हमले किए, लेकिन एक का ही परिणाम सामने आया। 2012 में जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री (JPL) पर कम्यूटर हमला किया गया, जिसमें चीन आधारित अटैकर्स ने JPL पर पूरा कंट्रोल कर लिया था। चीनी नेटवर्क के साइबर हमलों में से कई का जिक्र इस रिपोर्ट में किया गया है। 

गौरतलब है कि भारत ने अंतरिक्ष में किसी दुश्‍मन से निपटने के लिए जरूरी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल तकनीक पिछले साल हासिल कर ली। इसके साथ ही देश के पास अब दुश्‍मन देश के सैटेलाइट्स को नष्‍ट करने की क्षमता भी आ गई है। हालांकि CASI की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन के पास बहुत सारी काउंटर-स्‍पेस तकनीकें हैं जो दुश्‍मन के अंतरिक्ष उपकरणों को जमीन से लेकर जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट तक निशाना बना सकती हैं। इनमें भी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, को-ऑर्बिटल सैटेलाइट्स, डायरेक्‍टेड एनर्जी वेपंस, जैमर्स और साइबर क्षमताएं शामिल हैं।

आपको बता दें कि सीएएसआई (CASI) एक थिंक टैंक है जो अमेरिका के गृह मंत्री, एयरफोर्स चीफ, स्‍पेश ऑपरेशंस चीफ और अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों को एक्‍सपर्ट रिसर्च और एनालिसिस मुहैया कराता है। सीएएसआई ने पेंटागन की एक ताजा रिपोर्ट का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया है क‍ि पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है जिसका इस्‍तेमाल चीन दुश्मन को ‘अंधा और बहरा’ करने में कर सकता है। 2019 में कार्नीजी एंडोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि चीन के पास जमीनी केंद्रों से अंतरिक्ष में घातक साइबर हमले करने की क्षमता है।