September 22, 2024

चीन की अमेरिका को चेतावनी, भारत के साथ हमारे संबंधों में दखलअंदाजी न करे बाइडेन सरकार

 पेंटागन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ उसके संबंधों में दखलअंदाजी नहीं करने की चेतावनी दी है। पेंटागन की रिपोर्ट में चीन की ओर से कहा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ अपने गतिरोध के दौरान चीनी अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कम करने की कोशिश की।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने एलएसी की स्थिरता को बनाए रखने और भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाने से गतिरोध को रोकने के बीजिंग के इरादे पर जोर दिया। पेंटागन ने रिपोर्ट में कहा, “पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अधिक निकटता से भागीदार बनाने से रोकने के लिए सीमा पर तनाव को खत्म करना चाहता है।

अमेरिका पर क्यों भड़का चीन?

पीआरसी अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप न करें। दरअसल, पेंटागन ने कहा था कि 2021 में पीएलए ने चीन-भारत सीमा पर एक खंड में बलों की तैनाती को बनाए रखा और एलएसी के साथ बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा। इससे पहले मई 2020 में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच एलएसी पर झड़प भी हुई थी।

पेंटागन ने कहा कि दोनों देशों ने एक-दूसरे की सेना को वापस लेने और गतिरोध से पहले की स्थिति में लौटने की मांग की, लेकिन न तो चीन और न ही भारत उन शर्तों पर सहमत हुए। पीआरसी ने भारतीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर गतिरोध को दोषी ठहराया, जिसे उसने पीआरसी क्षेत्र पर अतिक्रमण के रूप में देखा, जबकि भारत ने चीन पर भारत के क्षेत्र में आक्रामक घुसपैठ शुरू करने का आरोप लगाया।

PLA ने सेना की मौजूदगी बरकरार रखी है

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की झड़प के बाद से PLA ने लगातार बल की उपस्थिति बनाए रखी है और LAC के साथ बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की गालवान घाटी की घटना पिछले 46 वर्षों में दोनों देशों के बीच सबसे घातक संघर्ष थी।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com