यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया क्यों घटाई गई शिवपाल यादव की सुरक्षा, उपचुनाव को लेकर किया बड़ा दावा
शिवपाल यादव की सुरक्षा घटाने और गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में उनकी भूमिका की जांच पर उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बयान दिया है. चौधरी ने कहा, शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से हैं और उनका समाजवादी पार्टी को स्थापित करने में बड़ा योगदान है लेकिन पिछले कुछ समय से अखिलेश यादव ने उनकी जो हालत की है उसी के परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री ने बोला है.
समाजवादी पार्टी के नेता यह मान चुके हैं कि मैनपुरी सहित तीनों सीटें सपा हार रही है और इसलिए अखिलेश, चाचा जी को मनाने का भी काम कर रहे हैं. पहले उनके लोग कहते थे कि राष्ट्रीय अध्यक्ष उपचुनाव में प्रचार के लिए नहीं जाते और भाई के लिए भी आजमगढ़ नहीं गए लेकिन अब गली-गली घूम रहे हैं, चाचा को भी मना रहे हैं. चाचा तो पेंडुलम हो ही गए हैं जो कभी इधर जा रहे हैं तो कभी उधर जा रहे हैं.
सुरक्षा घटाने पर क्या कहा
भूपेंद्र चौधरी ने कहा, जनता का जो मूड है उसे समाजवादी पार्टी मान चुकी है कि तीनों उपचुनाव वह हार रही है. सरकार का दायित्व है कि अपने सभी सम्मानित नागरिकों को सुरक्षा दे लेकिन किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए राज्य सुरक्षा समिति इसपर निर्णय करती है. उनकी जो भी व्यवस्था है उसके हिसाब से सुरक्षा देते हैं. उस समय परिस्थिति वैसे थी तब उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी लेकिन अब ऐसी स्थिति ऐसी है तो उनकी सुरक्षा जेड से हटाकर वाई कर दी गई है.
घोटाले की जांच पर क्या कहा
भूपेंद्र चौधरी ने कहा, जहां तक रिवर फ्रंट घोटाले का मामला है और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की बात है तो वह हमारे संकल्प पत्र में है कि हम भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संकल्पित हैं. सीबीआई की प्रक्रिया एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और जो भी दोषी होगा जिसने भ्रष्टाचार किया होगा तो कोई भी हो सरकार कार्रवाई करेगी.
पुलिस हटाने पर क्या कहा
वहीं अखिलेश यादव के पुलिसवालों को वहां ड्यूटी से हटाने के सवाल पर भूपेंद्र चौधरी ने कहा, ऐसा उनकी सरकार में होता रहा है. उनके समय में ऐसा प्रयोग होता रहा है तो उन्हें अनुभव है और अपने अनुभव के आधार पर उनके मन में यह शंका आ रही है. जहां तक उनका विषय है वे यह मान चुके हैं कि जनता हमारे खिलाफ है. 2012 से 2017 तक जनता ने उनकी अराजकता, गुंडागर्दी, बेईमानी और भाई भतीजावाद देखा है. जिस तरह से सरकारी भर्ती होती थी तो कैसे परिवार के लोग झोला लेकर घूमते थे वसूली करने के लिए, जनता यह सब जानती है. कैसे कब्जा होता था यह सबके संज्ञान में है.