लखीमपुर हिंसा पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, जांच के लिए न्यायिय आयोग का गठन
लखीमपुर में हुई हिंसा मामले में यूपी सरकार ने 1 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इस आयोग को अगले 2 महीने में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। जांच पूरी होने तक आयोग का मुख्यालय लखीमपुर खीरी होगा। न्यायिक आयोग के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
लखीमपुर हिंसा केस में सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए सुनवाई करने का फैसला किया है। आज सुबह 11 बजे इस विषय को सूचीबद्ध किया गया है। विपक्षी दलों का कहना है कि एफआईआर के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे को क्यों नहीं गिरफ्तार किया जा रहा है।
इधर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर योगी सरकार को घेरा और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। इन दोनों ने कहा कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलता उनका संघर्ष जारी रहेगा। राहुल और प्रियंका पलिया, निघासन और धरौहरा में मृतकों के घर गये और उनके परिजनों से मुलाकात की। राहुल गांधी इस हिंसा में मारे गए पत्रकार के घर भी गए और शोक संतप्त परिवार को सात्वना दी। लखीमपुर खीरी में आज भी राजनीतिक दलों के नेता पीड़ितों के घर पहुंचनेवाले हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी आज लखीमपुर खीरी जाने वाले हैं। बता दें कि तीन दिन पहले जब वो लखीमपुर जाने की तैयारी कर रहे थे तो उन्हें लखनऊ में ही रोक दिया गया और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। बुधवार को जब कांग्रेस के नेताओं को घटना स्थल पर जाने की इजाजत दी गई तो प्रियंका गांधी की तरफ से तंज भी कसा गया और उसके जवाब में अखिलेश यादव ने कहा था कि वो तो कमरे में बंद थीं उन्हें क्या पता कि समाजवादियों किस तरह आंदोलन कर रहे हैं।