September 22, 2024

6 दिसंबर बीत गया लेकिन मथुरा में अभी भी तनावपूर्ण है माहौल, 10 लोगों पर केस दर्ज; अलर्ट पर पुलिस

बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर शाही ईदगाह मस्जिद में लड्डूगोपाल का अभिषेक करने और मूर्ति स्थापित करने से संबंधित दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों की घोषणा के बाद मथुरा में अभी भी तनावपूर्ण हालत बने हुए हैं. 6 दिसंबर बीत गया है लेकिन पुलिस और प्रशासन अभी भी चौकन्ना है और फ़िलहाल तीन लेयर की सुरक्षा मस्जिद और मंदिर के बाहर तैनात की गई है.

आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्णा ने कहा कि आज का दिन तो शांति से गुजर गया लेकिन हमें सतर्क रहना होगा. खासतौर से सोशल मीडिया को लेकर क्योंकि वो गंभीर चिंता का विषय है. पुलिस ने भी इस बात को माना है कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद आसपास हैं. हिंदू संगठनों का दावा है कि जिस जगह पर मस्जिद है, वहीं श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.

उनका दावा ये भी है कि यहां पहले श्रीकृष्ण का मंदिर हुआ करता था जिसे 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने तुड़वा दिया था. हिंदू संगठनों ने अदालत में 2 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के बीच हुए समझौते को गलत बताते हुए याचिका दायर की है. उनकी मांग है कि इस समझौते को निरस्त किया जाए और ईदगाह मस्जिद की जमीन हिंदू पक्ष को सौंपी जाए. हिंदू संगठनों ने धमकी दी थी कि वो 6 दिसंबर को ईदगाह मस्जिद में लड्डू गोपाल की मूर्ति रखेंगे और जलाभिषेक करेंगे.

हिंदू महासभा ने शुरू किया बवाल!

अखिल भारत हिंदू महासभा की नेता राजश्री चौधरी ने कहा था कि 6 दिसंबर को ईदगाह मस्जिद के अंदर लड्डू गोपाल (श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप) की मूर्ति स्थापित करेंगे और उसका जलाभिषेक करेंगे. इसी धमकी के चलते मथुरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई और धारा 144 लागू कर दी गई. कड़ी सुरक्षा के चलते मथुरा में शांति थी, लेकिन दोपहर में कृष्ण जन्मभूमि के सामने कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. हालांकि, ईदगाह मस्जिद में लड्डू गोपाल की मूर्ति स्थापित करने की धमकी देने वाले चार हिंदू संगठनों में से एक भी यहां नहीं आया. इसी बीच मुस्लिम समुदाय में भी थोड़ी चिंता दिखाई दी. भारी सुरक्षा के बीच मुस्लिम समुदाय के बुजुर्ग अपने घर के बाहर बैठकर निगरानी कर रहे थे. वहीं, पिछले कुछ दिनों से ईदगाह मस्जिद में आने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है.

प्रशासन ने हिंदू संगठनों को दी थी कड़ी चेतावनी

खुद को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भांजे की पौत्री बताने वाली अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने पिछले महीने प्रेसवार्ता कर छह दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित मुगल शासक औरंगजेब के शासन काल में बनाई गई शाही ईदगाह के अंदर भगवान लड्डूगोपाल का जलाभिषेक किए जाने की घोषणा से जनपद का माहौल तनावपूर्ण हो गया था.

हालांकि संगठन ने बाद में अपने इस कार्यक्रम को वापस लेने की भी घोषणा कर दी थी. जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया, स्थिति को देखते हुए रामलीला मैदान में सभा करने की अनुमति भी जनपद में निषेधाज्ञा लागू किए जाने के बाद वापस ले ली गई और अन्य सभी संगठनों को चेतावनी दे दी गई कि यदि इसके बाद भी किसी संगठन ने बिना अनुमति कोई भी कार्यक्रम करने अथवा श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह क्षेत्र के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की तो कड़ी कार्रवाई होगी.

10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया, शहर की शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सोमवार शाम तक पांच लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर भ्रामक एवं भड़काऊ पोस्ट डालने एवं इतने ही लोगों के खिलाफ आज श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार के समक्ष शांति भंग करने का प्रयास करने के मामले कार्रवाई की गई है. इस पूरी गहमागहमी के बीच, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार के सामने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाकर शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास कर रहे पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया.

एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि आज जब चार-पांच लोग श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर दर्शन के लिए पहुंचे तो वे मंदिर परिसर में न जाकर मुख्य द्वार पर ही ‘जय श्रीराम, जय श्रीराम’ के नारे लगाने लगे. उन्होंने कहा कि उनकी इस गतिविधि से शहर में शांतिभंग होने की आशंका के मद्देनजर पांचों लोगों को तुरंत हिरासत में ले लिया गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी मध्य प्रदेश, हरियाणा और मथुरा के रहने वाले हें.


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