September 22, 2024

यूपी विधानसभा चुनाव 2022: करीब 150 BJP विधायकों-उम्मीदवारों का टिकट कटना तय, CM योगी का टार्गेट हैं हारी हुईं 84 सीटें

यूपी में बीजेपी  ने भी विधानसभा चुनावों  की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी हैं. बीजेपी अक़लाकमान ने यूपी के लिए 100 दिनों की रणनीति तैयार कर ली है और इसकी औपचारिक घोषणा के बाद से लगातार 100 दिनों तक रोजाना कार्यक्रम होंगे. हालांकि बीजेपी विधायकों और बीते चुनावों में हारे उम्मीदवारों के लिए बुरी खबर भी है. कई सिटिंग विधायकों समेत बीते चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार रहे करीब 150 लोगों का इस बात टिकट कटना तय माना जा रहा है.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक ख़राब छवि वाले जनप्रतिनिधि और वे लोग जिनसे उनके इलाके की जनता नाराज है, उनका टिकट कटना तय है. बीजेपी ने टिकट वितरण फ़ॉर्मूला भी सेट कर लिया है और प्रत्याशियों के चयन के लिए सीएम योगी, अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के स्तर से फैसले किए जा रहे हैं. इस नए फ़ॉर्मूले के मुताबिक 70 साल से ज्यादा उम्र वाले और गंभीर रूप से बीमार विधयाकों या पूर्व प्रत्याशियों को भी टिकट नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा अनर्गल बयानबाजी करने वाल और संगठन पर सवाल करने वाले नेताओं का टिकट भी काटा जाएगा.

CM योगी करेगे हारी हुईं 84 सीटों पर फोकस

मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने चुनावों के लिए 100 दिन का प्लान तैयार किया है. इसके तहत सीएम योगी और स्वतंत्र देव सिंह को पिछले चुनावों में हारी हुईं 84 सीटों की कमान सौंपी गई है. इन दोनों नेताओं का फोकस इन्हीं सीटों पर है और यहां इनकी विशेष सभाएं आयोजित की जाएंगी. यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही पार्टी और दम खम के साथ चुनाव के मैदान में उतरने को तैयार है इसके लिए सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गयी हैं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ लेवल के कार्यकर्ता को कोई न कोई जिम्मेदारी सौंपी गई है.

2017  विधानसभा चुनावों में बीजेपी की स्थिति

विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी नतीजन बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीत हासिल हुई 403 विधानसभा सीटों में 384 सीटों पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा अन्य सीटें गठबंधन में दूसरी पार्टियों के लिए छोड़ दी इसके बाद बीजेपी को 312 सीटों पर जीत मिली ये बीजेपी की यूपी में अब तक की सबसे बड़ी जीत थी.

देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में 2017 का विधान सभा चुनाव अहम माना जा रहा था इसका कारण यह था कि यह 2019 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करता ऐसे में सभी पार्टियों ने इसे गंभीरता से लड़ा लेकिन बीजेपी की आंधी में सभी दल हवा हो गए जनता ने न सिर्फ अखिलेश के ‘काम बोलता है’ को नकार दिया बल्कि यूपी के ‘लड़कों’ अखिलेश-राहुल के ‘यूपी को यह साथ पसंद है’ के नारे को भी खारिज कर दिया है.

2017 में हारी हुई 84 सीटों के लिए बीजेपी की तैयारी शुरू

2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 384 सीटों में से 72 सीटें हार गई वहीं 4 सीटें उपचुनाव में हार गईं साथ ही 8 सीटें सुभासपा को गठबंधन में मिलीं वो भी बीजेपी ने हारी हुई स्वीकार कर ली हैं. इसके बाद कुल 84 सीटों पर बीजेपी को हार देखने को लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव में ये गलती दोबारा न दोहरायी जाए इसके लिए पिछली साल से ही बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी थी.

इन सीटों पर पार्टी ने दिग्गज नेताओं को प्रभारी बनाया जिसमें राज्यसभा सदस्य, विधान परिषद के सदस्य निगम, बोर्ड के अध्यक्षों को शामिल किया जिसमें इन नेताओं ने पार्टी के फार्मूले के अनुसार विधानसभा सीटों का दौरा किया और संगठन के नेताओं और पार्टी को फीडबैक दिया. इसके जवाब में पहले ही चरण में इन सीटों पर काम शुरू कर दिया गया है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सीटों पर जाकर परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी यहां सभाओं को संबोधित कर रहे हैं.

2022 के लिए 100 दिन 100 काम की रणनीति तैयार

विधानसभा चुनाव मिशन 2022 के लिए बीजेपी की रणनीति तैयार हो गई है प्रत्येक दिन पार्टी का कोई न कोई कार्यक्रम करके यूपी में जनता के बीच जाकर मोदी और योगी सरकार की उपलब्धियों को बताने का काम करेगी एवम सरकार के लिए समर्थन जुटाएगी इसकी पूरी योजना केन्द्रीय नेतृत्व को भेज दी गयी है.

बीजेपी में इस बार विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए दो चरणों मे नेताओं की सूची बनाई है जिसमें पहले चरण में पार्टी के नेता होंगे जिसमे पन्ना प्रमुख, बूथ अध्यक्ष सम्मेलन, सेक्टर प्रभारी सम्मेलन, सदस्यता अभियान सहित मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे अभियान चलाए जाएंगे, वहीं दूसरे चरण में पार्टी शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारेगी जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभाओं में शामिल होंगे वहीं दूसरी तरफ हाल ही में बने मंत्री भी अपने अपने क्षेत्र में जाकर पार्टी के लिए वोट मांगेगे एवं पार्टी को जिताने का संदेश देंगे.


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