मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर लगे चुनाव आयोग को गलत जानकारी देने के आरोप, संपत्ति जांच के आदेश

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नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मुसीबत में पढ़ते नजर आ रहे हैं। उन पर चुनाव आयोग को अपनी संपत्तियों की गलत जानकारी देने का आरोप लगा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता रघुनाथ सिंह नेगी ने चुनाव आयोग को शिकायत की थी, जिस पर चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह की संपत्ति जांचने के आदेश दिए हैं। बता दें, साल 2017 की शुरुआत में त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली थी।

पूर्व भाजपा नेता ने की है शिकायत
पूर्व भारतीय जनता पार्टी के नेता की शिकायत पर चुनाव आयोग ने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की संपत्तियों का फिर से मूल्यांकन करने का आदेश दिया है। एक अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये चुनाव आयोग ने CBDT को 19 दिसंबर को खत्त लिखा था।

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को आदेश दिया गया है कि संपत्तियों की कीमतों का आंकलन करके इस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए। पूर्व भारतीय जनता पार्टी नेता रघुनाथ सिंह नेगी 2010 में गढ़वाल मंडल विकास निगम के वाइस चेयरमैन रह चुके हैं। नेगी के मुताबिक, मुख्यमंत्री रावत ने 9,56,000 रुपये में तीन आवासीय संपत्तियों को खरीदने की जानकारी दी है। जबकि असल में इनकी मार्केट वैल्यू काफी ज्यादा है।

नेगी ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग को दिये शपथपत्र में त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपनी कई अचल संपत्तियों की कीमत काफी कम दिखाई। इतना ही नहीं पूर्व भाजपा नेता का यह भी आरोप है कि रावत ने अपनी उम्र की भी गलत जानकारी दी है। कानून के मुताबिक अगर कोई भी शख्स चुनाव आयोग के शपथपत्र में गलत जानकारी देता है तो उसे 6 महीने की सजा या जुर्माना हो सकता है।

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