उत्तराखण्डः सर्द मौसम के बीच चुनावी गरमी, हरदा ने ‘शीतकालीन सत्र’ पर सत्ताधारी भाजपा को घेरा
देहरादून। सर्द मौसम के बीच उत्तराखण्ड में सियासी पारा रोज नई ऊंचाई छूने में आमादा है। उत्तराखण्ड में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस सत्ताधारी बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने का मौका चूकना नहीं चाहती है। जिसका नतीजा है प्रदेश में दिसम्बर के महीने में सियासी पारा अपने चरम पर है।
महंगाई, बेरोजगारी और देवस्थानम् बोर्ड के गठन पर विपक्षी कांग्रेस लगातार सत्ताधारी दल बीेजपी पर लगातार हमलावर है। हालांकि मंगलवार को प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ-पुरोहितों के लगातार विरोध के बाद देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन विपक्ष ने गैरसैण में शीतकालीन सत्र ना कराने पर सरकार में बैठी बीजेपी पर हमला शुरू कर दिया है।
धामी सरकार ने पहले नवम्बर महीने की 29-30 तारीख को भराड़ीसैण में शीतकालीन सत्र आयोजन किये जाने का ऐलान किया। लेकिन बाद में अपने इस फैसले को लेकर पलट गई। और अब इस शीतकालीन सत्र को 9-10 दिसम्बर को प्रदेश की अस्थायी राजधानी देहरादून में कराने का फैसला लिया है। धामी सरकार के इस फैसले से विपक्ष को बैठे-बैठाये अपने खिलाफ एक और मुद्दा दे दिया है।
कांग्रेस नेता और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने सरकार के इस फैसले को उत्तराखण्डियत का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और गैरसैण के अपमान के लिए राज्य के लोगों से माफी मांगे।
वहीं सत्ताधारी दल के नेता कहते है कि देहरादून में शीतकालीन सत्र कराने का फैसला विपक्षी दल के साथ सलाह-मशविरा के बाद ही लिया गया है।