उत्तराखण्डः पूर्व सीएम का सरकार पर तंज, प्रदेश सरकार ने जनमुद्दों को नकारा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

harish rawat

श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय का छात्रसंघ समारोह बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम हरीश रावत मौजूद रहे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल रहे। कार्यक्रम में गढ़वाल विवि के वरिष्ठ अधिकारी, कुलसचिव समेत विवि के छात्रसंघ के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे। छात्रसंघ समारोह में मंच पर कुर्सी न मिलने पर एबीवीपी और जय हो छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच तू-तू मैं-मैं भी हुई जिसे पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शांत कराया गया।

छात्रसंघ अध्यक्ष सुधांशु थपलियाल ने कहा कि छात्रों के हितों के लिए गढ़वाल विवि का छात्रसंघ छात्रों की लड़ाई लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहेगा। बसों की सुविधा, सीयूटी खत्म करने जैसे मुद्दों को लेकर छात्रसंघ छात्रों की लड़ाई लड़ता रहेगा। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने विवि के वीसी के कार्यक्रम में न पहुंचने पर भी अपनी आपत्ति जाहिर की। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि छात्रसंघ राजनीति की प्रथम पाठशाला है। यही से ‘क’ ‘ख’ सीखकर छात्र देश और राज्य की राजनीति में अपना दबदबा कायम करते हैं।

मीडिया से बात करते हुए हरीश रावत ने राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सड़क, महंगाई, रोजगार, पलायन को रोकने के लिए सरकार की तरफ टकटकी लगाए देख रही है। लेकिन सरकार ने इन सब मुद्दों को छोड़ यूसीसी का अलाप लगाया हुआ है. इससे जनता की कोई भलाई नहीं होने वाली है। जनता की समस्याओं पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। हल्द्वानी की घटना का भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को किसी पर दोष नहीं मढ़ना चाहिए। शांति पूर्वक इस मामले को सुलझाने की जरूरत है।

लोकसभा चुनावों को लेकर हरीश रावत ने ने दावा किया कि पांचों की पांचों सीट पर कांग्रेस जीत का पंच लगाएगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गोदियाल ने भी सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में गुलदारों की दहशत है। सरकार गुलदारों को पकड़ने के बजाय कर्फ्यू लगा रही है। सरकार को गुलदारों के विषय में सोचने की जरूरत है।

उन्होंने श्रीनगर विधायक व कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को भी घेरा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर के नगर निगम में मात्र पोस्टर बैनर चिपकाकर बजट को ठिकाने लगाने का काम हो रहा है। सड़कों पर गड्ढे नगर निगम को नजर नहीं आता है।