नेशनल मेडल जीत चुकी दिव्यांग खिलाड़ी ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप
देश में राज्य का नाम रोशन करने वाली बहुमुखी प्रतिभा की धनी दिव्यांग खिलाड़ी नीरजा गोयल ने सरकार व खेल विभाग पर दिव्यांग खिलाड़ियों से भेदभाव का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वह खेल मंत्री और सीएम से मिलकर इसकी शिकायत करेंगी.
ऋषिकेश निवासी दिव्यांग नीरजा ने मार्च में बनारस में आयोजित नेशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया था. इससे पहले जयपुर में आयोजित पैरा वॉलीबॉल चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल जीतकर नीरजा उत्तराखण्ड़ का नाम रोशन कर चुकी हैं. नीरजा 6 अप्रैल को जालंधर के लवली प्रोफेशनल युनीवर्सिटी में शूटिंग प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता है.
मेन बाज़ार ऋषिकेश में अपने भाई के साथ दुकान में हाथ बंटाने वाली 37 वर्षीय नीरजा गोयल ने मात्र छह माह की कोशिश में सफलता का यह मुकाम हासिल किया है. बचपन में पोलियोग्रस्त हुई नीरजा को पैरालाइस का भी सामना करना पड़ा था, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और अपने स्तर से कुछ दिनों के प्रशिक्षण के बाद पदक जीतने में कामयाब रहीं.
नीरजा का कहना है कि वह अपने संसाधनों से ही प्रशिक्षण ले रही हैं. नीरजा के मुताबिक खेल विभाग सामान्य खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करता है और पदक लाने पर खेल विभाग और सरकार सामान्य खिलाड़ियों को ही सम्मानित करती है, लेकिन दिव्यांग खिलाड़ियों की कोई सुध नहीं लेता.
उल्लेखनीय है बीते हफ़्ते ही नीरजा को ऋषिकेश के विधायक और उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सम्मानित किया था.