September 21, 2024

उत्तराखण्ड सरकार ने गोल्डन कार्ड से सम्बन्धित सुधारों का जीओ जारी किया, राज्यकर्मियों को मिल सकेगा कैशलेस इलाज

देहरादून। उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों की राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना  (SGHS) के अन्तर्गत समस्त प्रकार के रोगों की चिकित्सकीय उपचार को प्रभावी बनाये जाने के लिए गोल्डन कार्ड से संबंधित सुधारों के आदेश सरकार ने जारी कर दिए हैं।

आयुष्मान भारत/अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की अम्ब्रेला योजना से पृथक किये जाने के संबंध में उत्तराखंड शासन के सचिव अमित सिंह नेगी की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस पर 18 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति ने राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मियों की गोल्डन कार्ड से सम्बन्धित सुधारों का शासनादेश जारी करने की मांग पूर्ण करने का स्वागत किया।

राज्य कर्मियों ने किया स्वागत

समिति के संयोजक मंडल के प्रवक्ता अरुण पांडे ने बताया कि आज की बैठक में राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जारी किये गये गोल्डन कार्ड की योजना को आयुष्मान योजना से पृथक कर ओपीडी की भांति भर्ती मरीजों की चिकित्सा भी सीजीएचएस की दरों पर किये जाने का संशोधित शासनादेश जारी कर दिया गया है। इससे समन्वय समिति को मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन एवं मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया एक आश्वासन पूर्ण हो गया।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व राज्य कर्मियों को ओपीडी में करायी गयी चिकित्सा का भुगतान तो सीजीएचएस दरों पर किया जा रहा था, जबकि भर्ती होने वाले मरीजों की चिकित्सा एम्स की दरों पर की जा रही थी। इससे अधिकांश निजी चिकित्सालय येाजनान्तर्गत गोल्डन कार्ड धारक मरीजों की चिकित्सा करने में आनाकानी कर रहे थे किन्तु इस शासनादेश के बाद अब अवश्य ही राज्य कर्मियों को विभिन्न निजी चिकित्सालयों में कैशलैश चिकित्सा का लाभ मिल सकेगा।

इसी प्रकार पूर्व में योजनान्तर्गत चिकित्सालयों की एक या दो चिकित्सा सुविधा को ही पंजीकृत किया गया था, जबकि समन्वय समिति द्वारा चिकित्सालय की पूरी चिकित्सा व्यवस्था का लाभ कार्मिकों को कैशलैस देने के लिए मांग की जा रही थी, जिसे शासनादेश में सम्मिलित किया गया। इससे एक ही चिकित्सालय में विभिन्न प्रकार के चिकित्सा का लाभ कार्मिकों को प्राप्त हो सकेगा। शासनादेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की आवश्यकता पर मुख्यमंत्री को परिवर्तन हेतु अधिकृत किया गया है।

समन्वय समिति की बैठक में मांग की गयी है कि योजना के सुचारु रूप से संचालन के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में एक शिकायत एवं निगरानी प्रकोष्ठ का भी गठन किया जाना आवश्यक है। इस पर शिकायत व समस्या के समाधान के लिए वाटसअप, दूरभाष, एंव ई-मेल इत्यादि के माध्यम से सम्पर्क की व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसका यथा व्यवस्था तत्काल समाधान किया जा सके।

समन्वय समिति द्वारा शासनादेश का विस्तृत अध्ययन एंव उसके प्राविधानों का व्यवहारिक रूप से अनुपालन देखने के उपरान्त पुनः इस सम्बन्ध में आवश्यकतानुसार सुधार हेतु प्रयास किये जायेगे।


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