उत्तराखण्डः विशेषज्ञ डॉक्टरों को सरकार देगी मनचाहा वेतन, बनेगा अलग कैडर
देहरादून। उत्तराखण्ड में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार मनचाही तनख्वाह देने को तैयार है। संविदा पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ‘यू कोट वी पे स्कीम’ के तहत प्रति माह चार लाख तक वेतन देने का फैसला लिया है। वर्तमान में लगभग 600 विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) मानकों के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिश्न के माध्यम से संविदा पर की जानी है। पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों को सेवाएं देने के लिए सरकार की ओर से मनचाही तनख्वाह का ऑफर दिया जा रहा है। इसके लिए विभाग ने ‘यू कोट वी पे स्कीम’ तैयार की है। इसमें प्रदेश या दूसरे राज्यों में काम कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टर पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए प्रतिमाह वेतन की मांग बताएंगे।
सरकार विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुभव व विशेषज्ञता के मुताबिक प्रतिमाह अधिकतम चार लाख रूपये देने को तैयार है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की कार्यकारिणी बैठक में भी एनएचएम के माध्यम से संविदा पर तैनात होने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों का प्रति माह 3.50 लाख वेेतन को बढ़ा कर चार लाख रूपये करने का फैसला किया गया है।
प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ० आर० राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टर पर्याप्त है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। इसे देखते हुए संविदा पर सेवाएं देने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रति माह वेतन बढ़ाकर चार लाख तक देने का फैसला लिया गया है।
वहीं प्रदेश सरकार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का अलग से कैडर बनाने जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए है। सरकार का मानना है कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का कैडर बनने से उनकी कमी दूर हो सकती है।