उत्तराखण्डः महंगाई के खिलाफ धरने पर अकेली पड़ी कांग्रेसी विधायक अनुपमा, पार्टी विधायकों का नही मिला साथ
देहरादून। विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बावजूद भी कांग्रेस में गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस की ये गुटबाजी संगठन से चलकर अब सदन में भी नजर आने लगी है।विधानसभा में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला
मंगलवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन हरिद्वार ग्रामीण से विधायक अनुपमा रावत विधान सभा में धरना पर बैठ गई। उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर बैनर लहराकर और धरना देकर सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन उन्हें अपनी ही पार्टी के विधायकों का कोई समर्थन नहीं मिला। बता दें की पांचवी विधानसभा में कांग्रेस के 17 सदस्य हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष रहे प्रीतम सिंह ने इसको लेकर कहा कि अनुपमा ने पहले सबसे राय मशविरा किया होता तो ऐसा नहीं होता।
कांग्रेस की ओर से अभी तक नेता प्रतिपक्ष का ऐलान नहीं किया है। जानकार इसकी बड़ी वजह कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी को बता रहे हैं। इन्हीं हालातों के चलते विधानसभा सत्र में कांग्रेस पार्टी गुटबाजी की शिकार नजर आई।