उत्तराखंडः एक बार फिर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर कसरत तेज

देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर पंचायत चुनावों को लेकर कसरत तेज हो गई है। माना जा रहा है कि अगले एक से दो माह के भीतर पंचायत चुनाव करा लिए जाएंगे। फिलहाल पंचायतों में प्रशासक नियुक्त हैं, जिनका कार्यकाल जून में पूरा हो रहा है। ऐसे में सरकार को जून से पहले जून कराने आवश्यक हैं। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
राज्य में 7832 ग्राम पंचायतें और 3162 क्षेत्र एवं 385 जिला पंचायतें हैं। जिनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद शासन ने ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर प्रशासक नियुक्त किए थे। निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को ही पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किया गया था। छह महीने के लिए नियुक्त प्रशासकों में जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल एक जून को और ग्राम प्रधानों का 10 जून को खत्म हो रहा है।
पंचायतों के परिसीमन के बाद चुनाव के लिए आरक्षण और अन्य सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है।
हरिद्वार को छोड़कर अन्य सभी जिलों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। हालांकि इस बीच 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा भी शुरू होने जा रही है। ऐसे में इन परिस्थितियों के बीच पंचायत चुनाव कराना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
इस बीच निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची अपडेट करने की कवायद तेज कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि हर योग्य मतदाता का नाम सही तरीके से वोटर लिस्ट में शामिल हो। इसके लिए ग्राम पंचायतों में खुली बैठकों के माध्यम से वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और गलतियों को सुधारने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अगर किसी अपात्र व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो गया है, तो उसे हटाने के लिए लिखित आपत्ति भी दर्ज कराई जा सकती है।