उत्तराखण्ड छात्र फेडरेशन ने नीट परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली होने का लगाया आरोप
देहरादून। उत्तराखण्ड छात्र फेडरेशन ने नीट परीक्षा में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। रविवार को देहरादून प्रेस क्लब में यूएसएफ ने तथ्य पेश करते हुए बताया कि एक ही परीक्षा केन्द्र में पांच छात्रों का टॉप रैंक में होना तमाम सवाल खड़े करता है। यही नहीं नीट परीक्षा का जिस तरह से पैटर्न है उसमें किसी छात्र का 718 या 719 अंक आना संभव ही नहीं है।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उत्तराखण्ड छात्र फैडरेशन के अध्यक्ष लुसुन टोडरिया ने कहा कि नीट की परीक्षा में बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है। जिसे छिपाने के के लिए परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने लोकसभा चुनाव के नतीजे वाले दिन नीट परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए। जबकि परीक्षा कैलेण्डर के मुताबिक नीट की परीक्षा का नतीजा 14 जून का घोषित किया जाना था।
बड़ा सवाल ये है कि आखिर परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था ने 10 दिन पहले क्यों रिजल्ट घोषित कर दिया। जाहिर है कि परीक्षा मे हुई गड़बड़ी को छिपाने के लिए जानबूझकर 4 जून की तिथि तय की गई। ताकि चुनाव नतीजों के दिन ये खबर दब कर रह जाय। उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में तकरीबन 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क दिए गये हैं। एनटीए ने इसके पीछे जो दलील दी है उससे नीट परीक्षा में कई स्तर पर गड़बड़ी की ओर संकेत करता है।
उन्होंने कहा कि 5 मई को पटना में नीट परीक्षा में धांधली को लेकर एक एफआईआर हुई है। इस सम्बन्ध में पुलिस ने एनटीए से परीक्षा कराने वाली एजेंसी से दस्तावेज मांगे है लेकिन अभी तक एजेंसी की तरफ से पुलिस को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये। पेपर लीक का मामला ही नहीं है ये बल्कि पूरा घोटाला है। यूएसएफ ने नीट की पूरी परीक्षा प्रक्रिया में सवाल उठाते हुए दुबारा से नीट परीक्षा कराने की मांग की है।