उत्तराखण्डः त्रिवेन्द्र सरकार की उपलब्धियां बनी भाजपा की जीत का बड़ा आधार
देहरादून। सत्ता को लेकर तमाम मिथकों को तोड़ते हुए भाजपा लगातार दूसरी दफा प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। हालांकि भाजपा साल 2017 विधानसभा में मिले प्रचण्ड बहुमत के आंकड़े को नहीं पहुंच पाई लेकिन भारी बहुमत की सरकार इस बार भी बनाने जा रही है। जानकार भाजपा की इस जीत के लिए पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कार्यकाल में किये कार्यो को श्रेय देते हैं।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तकरीबन 4 साल तक सूबे में सरकार चलाई। हालांकि उन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद सीएम रहते तीरथ सिहं रावत और पुष्कर सिंह धामी को इतना समय नहीं मिला कि वे उस दौरान कुछ कर पाते। लिहाजा भाजपा त्रिवेन्द्र सरकार के दौरान किये विकास कार्यो को लेकर जनता के बीच गई जिन कार्यों पर मुहर लगाकर प्रदेश की जनता ने भरोसा जताते हुए भाजपा को दुबारा सत्ता सौंपी।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीएम रहते जो भी फैसले लिये उत्तराखण्ड की जनभावनाओं को ख्याल रखा। गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया जाना उनके कार्यकाल की ऐतिहासिक कार्य माना जा सकता है। प्रदेश की जनता को अटल आयुष्मान योजना के तहत उन्होंने स्वास्थ्य सुविघाएं सुलभ कराने का काम किया। यहीं नहीं उन्होंने पैतृक सम्पत्ति में महिलाओं को हिस्सा बनाकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया।
त्रिवेन्द्र सरकार ने प्रदेश में भ्रष्टाचार को खत्म करने का काम किया। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना प्रदेश में जड़े फैला चुके ट्रांसफर उद्योग का खात्मा किया। गांव-गावं तक पेयजल मुहैया कराने के लिए उनके कार्यकाल में हर घर जल हर घर नल को एक रुपये में पहुंचाने का काम किया। पर्यटन के क्षेत्र में भी उन्होंने ‘तेरह जिला तेरह डेस्टीनेशन’ की नीति अपना कर प्रदेश को पर्यटन के नक्शे पर लाने का काम किया। होम-स्टे योजना के तहत प्रदेश के तमाम युवा ने स्वरोजगार को अपनाया।