उत्तराखण्डः तीन साल बेमिसाल, खनन माफिया मालामाल!

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देहरादून। धामी सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के जरिये धामी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया जा रहा है। लेकिन ऐन उसी समय पूर्व सीएम और हरिद्वार से मौजूदा सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत के संसद में दिये गये 2 मिनट भाषण ने अपनी ही डबल इंजन की सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोकसभा में उत्तराखंड में रात में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है। सदन में हरिद्वार से सांसद रावत ने कहा ‘उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल में रात में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है। यह न केवल कानून-व्यवस्था और पारिस्थितिकी के लिए बल्कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। राज्य और केंद्र सरकारों के आदेशों के बावजूद, हम खनन माफिया को रात में ट्रकों में सामग्री ले जाते हुए देख रहे हैं। इससे सड़कें, पुल और अन्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।’

बतातें चले कि उत्तराखण्ड में मौजूदा समय में खनन विभाग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास है। हालांकि सीएम धामी की ओर से इस मामले में अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत की ओर से मीडिया में इसको लेकर बयान सामने आया है। सांसद के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत ने इन्हें सिरे से खारिज कर दिया। संत ने कहा कि उत्तराखंड में पहली बार खनन से रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है, जो तय लक्ष्य से अधिक है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अवैध खनन रोकने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स बेहतर तरीके से काम कर रही है।

खनन सचिव ने स्पष्ट किया कि खनन से जुड़े वाहनों को केवल रात में संचालन की अनुमति है, क्योंकि दिन के समय नो-एंट्री और पर्यटक यात्री वाहनों का दबाव बना रहता है। उन्होंने कहा कि सरकार अवैध खनन पर पूरी तरह नजर रख रही है और इस पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

विपक्ष को मिला मुद्दा

त्रिवेंद्र रावत के संसद में बयान के बाद कांग्रेस को भी हमला करने का मौका मिल गया है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक्स पर वीडियो शेयर कर लिखा कि उत्तराखंड के हालात भगवान भरोसे हैं। सरकार की शह पर खनन माफियाओं द्वारा नदियों का सीना चीरकर खनन किया जा रहा है, दूसरी तरफ भाजपा के ही पूर्व मुख्यमंत्री खनन के मुद्दे को संसद में उठा रहे हैं।

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