सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ गांव वालों ने खोला मोर्चा, 24 घंटे में जगह खाली करने की दी चेतावनी
ट्रैक्टर परेड में दिल्ली में हुई किसान हिंसा के बाद अब आंदोलनकारियों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर गांव वालों ने मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीणों ने किसान आंदोलनकारियों का टेंट भी उखाड़ दिया और वे बॉर्डर को खाली कराने की मांग कर रहे हैं। गांव वालों ने किसानों को बॉर्डर खाली करने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया है।
ग्रामीणों को कहना है कि वह तिरंगे का अपमान सहन नहीं कर सकते। आंदोलनकारी जल्द सिंघु बॉर्डर को खाली करें। वहीं, टीकरी बॉर्डर पर भी भारी तादाद में सुरक्षाबल तैनात कर दिय गया है। गाजियाबाद नगर निगम ने बड़ा फैसला लेते हुए आंदोलनकारी किसानों को देने वाली सुविधाए वापस ले ली हैं।
बता दें कि मंगलवार को ट्रैक्टर परेड मे उपद्रवियों ने भारी हंगामा किया और लालकिले पर निशान साहिब का झंडा भी लगाया। लालकिले पर दिल्ली पुलिस जवानों के साथ अभ्रदता व मारपीट भी की। पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली, जबकि सैकड़ों उपद्रवियों को हिरासत में लिया। पुलिस ने अब तक 25 एफआईआर दर्ज कर ली हैं।
वहीं, किसान संगठनों के नेताओं ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने आंदोलन को कमजोर करने के लिए यह सब कराया है। भला ऐसा कैसे संभव है कि कोई लाल तक पहुंच जाए और एक भी गोली ना चले।
उन्होंने कहा मांगे पूरी होने तक किसानों को आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमने बहुत संयम बरता, लेकिन किसान नहीं माने। करीब 300 से ज्यादा किसान घायल हुआ, जबकि एक ट्रैक्टर पलटने से किसान की भी जान चली गई। उन्होंने कहा कि हिंसा के दोषियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कुछ किसान संगठनों के नेताओं ने अलग रुट से परेड करने को उकसाया।