आर वैल्यू की अस्थिरता ने बढ़ाई विशेषज्ञों की चिंता, तीसरी लहर के जाने के संकेत अब तक नहीं हो रहे साफ
कोरोना संक्रमण की रिप्रोडक्शन रेट (आर वैल्यू) की अस्थिरता ने विशेषज्ञों की चिंता को बढ़ा दिया है। ऐसे में तीसरी लहर की स्थिति अब तक साफ नहीं हो सकी है। आर वैल्यू कभी ढाई से तीन तो कभी एक से डेढ़ के बीच आ रही है। आर वैल्यू एक से कम होने का मतलब है कि कोरोना संक्रमण की दर कम होना। लेकिन, इसके विपरीत इसके बढ़ने का मतलब संक्रमण का बढ़ना है।
जानकारी के मुताबिक, जिले में इस वक्त आर वैल्यू एक से डेढ़ के बीच आ जा रही है। कभी यह बढ़कर दो से ढाई पहुंच जा रही है। इसकी वजह से संक्रमण के नए मामलों में कभी-कभार उछाल देखने को मिल रहा है। ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगा कि अभी तीसरी लहर का पीक आया है या फिर नहीं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने बताया कि संक्रमण के मामले में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है। पिछले तीन से चार दिनों की बात करें तो जिले की आर वैल्यू 1.5 के आसपास रही है। जबकि, पिछले सप्ताह 2.5 के आसपास रही है। संक्रमण कब बढ़ जाए, इसकी गणना करना मुश्किल है।
केरल में अचानक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जबकि, वहां पर विशेषज्ञ तीसरी लहर के खत्म होने की बात कह रहे थे। ऐसे में यह बता पाना अभी मुश्किल है कि तीसरी लहर कब खत्म होगी। बताया कि नए मरीजों की संख्या कम होने की वजह एक यह भी है कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक अब लक्षणविहीन लोगों के सैंपल भी नहीं लिए जा रहे हैं।