युद्ध की बदलती प्रकृति को देखते हुए सेना के तीनों अंगों की एकजुटता महत्वपूर्ण: नौसेना प्रमुख
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने शनिवार को तीनों रक्षा बलों की ‘‘एकजुटता’’ (ज्वाइंटनेस) का आह्वान करते हुए कहा कि पहले की तुलना में आज के समय में युद्ध की बदलती प्रकृति को देखते हुए यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। नौसेना प्रमुख ने पुणे के खडकवासला में शनिवार सुबह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में अकादमी के 140वें पाठ्यक्रम के पासिंग आउट परेड को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध की प्रकृति बदल रही है और थल, जल, वायु, अंतरिक्ष और साइबर जैसे सभी क्षेत्रों में तमाम विपरित परिस्थितियों में इसकी भागीदारी अहम हो जाती है। यही कारण हैं कि तीनों सेवाओं का साथ आना पहले की तुलना में अब कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।’’
नौसेना प्रमुख ने कहा कि एनडीए 72 साल से एकजुटता का प्रतीक रहा है। इसका अस्तित्व एकजुटता के मौलिक मूल्यों पर आधारित है, जो अकादमी के आधारभूत सिद्धांत हैं। कैडेट को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘आप सभी को यह याद रखना चाहिए कि भविष्य का युद्ध चाहे कितना भी विकसित क्यों न हो, प्रभावी नेतृत्व के लिए कुछ व्यक्तिगत क्षमताएं और गुण महत्वपूर्ण रहते हैं।’’ एनडीए के 56वें पाठ्यक्रम के पूर्व छात्र एडमिरल सिंह शुक्रवार को अपने पूर्व संस्थान पहुंचे। उन्होंने स्कवाड्रन ‘एच’ के कैडेट के साथ संवाद किया।