September 22, 2024

पश्चिम बंगाल: क्या ममता को भवानीपुर में भी सता रहा है हार का डर, इस अपील के क्या हैं मायने

पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने दोबारा वापसी भले ही कर ली हो लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नंदीग्राम सीट पर भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से चुनाव में मिली हार बंगाल पर ममता की बड़ी जीत से अधिक भारी पड़ती दिख रही है। यही कारण है कि ममता इस हार को भुलाए नहीं भूल पा रहीं और अब वह भवानीपुर सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती हैं। यही वजह है कि ममता ने भवानीपुर में अपना चुनावी बिगुल फूंक दिया है और वह यहां की जनता के एक-एक वोट को कीमती बताकर उनसे किसी भी स्थिति में वोट करने की अपील कर रही हैं।

बुधवार को इकबालपुर में अपनी एक रैली के दौरान ममता ने जनता से कहा कि मेरे लिए एक-एक वोट आवश्यक है। यदि आप यह सोच कर मतदान नहीं करेंगे कि दीदी तो पक्का जीतेंगी, तो यह बहुत बड़ी भूल होगी। यदि बारिश या तूफान भी आ जाए तो भी घर पर मत बैठे रहना, अपना वोट डालने अवश्य जाना, नहीं तो मैं सीएम बने नहीं रह सकूंगी। आपको एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा।

ममता की लोगों से की गई इस अपील में जहां इस सीट से भी हार जाने का डर दिखाई देता है वहीं यह भी दिखता है कि वह किसी भी कीमत पर भवानीपुर उपचुनाव जीतना चाहती हैं। इसी वर्ष हुए बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को राज्य की 292 सीटों में से 213 पर जीत मिली थी, इसके बाद भी अब ममता के लिए एक-एक वोट जरूरी हो गया है।

दरअसल, भवानीपुर में भी ममता बनर्जी की सबसे बड़ी प्रतिद्ंद्वी पार्टी भाजपा ही है। ममता की इस अपील पर भाजपा आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने निशाना साधा। मालवीय ने ट्वीट किया कि भवानीपुर में लहर वैसी नहीं है जैसा ममता बनर्जी ने सोचा था। ऐसा लग रहा है कि उन्होंने भांप लिया है कि उपचुनाव उनके लिए मुश्किल होने जा रहा है। वह मजबूरी में प्रचार कर रही हैं। मगर जनता की चुप्पी में ही असली कहानी छिपी है।


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