526 करोड़ के हवाई जहाज़ को 16 सौ करोड़ रुपये में क्यों ख़रीदा गया ?
रफाल सौदे को लेकर जहा बीजेपी को एक संजीवनी मिली है तो वही कांग्रेस भी अपने रूख पर कायम है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोट के फैसले के बावजूद भी कांग्रेस टस से मस होने के लिए तैयार नही है। इतना ही नहीं बीजेपी की ओर से जहा अमित शाह ने मोर्चा समाल रखा है तो दूसरी ओर राहुल गांधी भी आक्रामक नजर आ रहे है। दोनों प्रेसवार्ताओं को को ध्यान से देखे तो इस बार अमित शाह भी काफी तनाव में नजर आ रहे थे। यहा तक की रफैल सौदे को लेकर मीडिया के सीधे सवालों से वो बचते रहे और सिर्फ अपनी ही बात करते रहे। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रफैल का सौदा अभी फाइलों में दबने वाला नही है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रफ़ाल विमान सौदे से जुड़ी याचिकाएं ख़ारिज कर दीं. इसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए राहत की तरह देखा जा रहा है.
हालांकि, रफ़ाल मुद्दे को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी जारी है. शुक्रवार को दिनभर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के ही नेता कई बार मीडिया के सामने आए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर अपना पक्ष रखा.
बीजेपीअध्यक्ष अमित शाह और दूसरे नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर ज़ुबानी तीर चलाए और उनसे माफी मांगने को कहा. राहुल गांधी भी शुक्रवार शाम मीडिया से मुख़ातिब हुए.
राहुल गांधी ने शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा, “हर तीन-चार दिन में हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है मगर प्रधानमंत्री कभी प्रेस कॉन्फ़्रेंस नहीं करते हैं. मतलब अपने आपको देश की मीडिया के सामने हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री एक्सपोज़ नहीं होना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा कि रफ़ाल सौदे को लेकर उनके ‘कई सवाल हैं. पहला सवाल ये है कि 526 करोड़ के हवाई जहाज़ को 16 सौ करोड़ रुपये में क्यों ख़रीदा गया.’
“दूसरा सवाल यह है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से कॉन्ट्रैक्ट छीनकर अनिल अंबानी की कंपनी को क्यों दिया गया. हिंदुस्तान में रोज़गार की कमी है और आपने फ़्रांस में विमान बनाने के लिए कह दिया.”
“प्रधानमंत्री मोदी के फ़्रांस से आने के बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें इस सौदे के बारे में कुछ नहीं पता. फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आदेश दिया था कि अनिल अंबानी को ठेका देना है और ये फ़्रांस में बनेगा.”
राहुल गांधी के बाद केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला स्वीकार करने की जगह राहुल गांधी अहंकार दिखा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राहुल ने ईमानदार प्रधानमंत्री पर शर्मनाक टिप्पणी की है और उन्होंने संस्थाओं का अपमान किया है.
रविशंकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से साफ़ होता है कि 2006 से 2012 तक यूपीए ने मामले को लटकाए रखा जबकि वायुसेना को विमानों की ज़रूरत थी.
हुल गांधी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस की ख़ास बातें
- रक्षा मंत्री सीतारमण ने कहा था कि वह संसद में रफ़ाल विमान सौदों की जानकारी देंगी लेकिन फिर बाद में कहा कि यह गुप्त है. लेकिन फ़्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि ऐसा कोई गुप्त सौदा नहीं है.
- हमने जेपीसी मांगी तो कहा गया कि इसका अधिकार क्षेत्र संसद के पास है लेकिन उन्होंने इसका गठन नहीं किया.
- सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आज फ़ैसला दिया है. इस फ़ैसले में कहा गया है कि रफ़ाल विमानों के सौदों की जानकारी नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में लिखा गया है और इस रिपोर्ट को संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (पीएसी) के साथ साझा किया गया है.
- मेरे साथ पीएसी कमिटी के चेयरमेन मल्लिकार्जुन खड़गे हैं. इनसे पूछिए कि क्या उन्होंने ऐसी कोई रिपोर्ट देखी है. इनको भी यह रिपोर्ट नहीं मिली है.
- यह कैसे हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट में इसकी चर्चा होती है और पीएसी के चेयरमेन को इसके बारे में पता ही नहीं है.
- सरकार को हमें यह समझाना है कि यह सीएजी रिपोर्ट कहां पर है और वह हमें और पीएसी के चेयरमेन खड़गे जी को दिखाएं.
- सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का आधार यह रिपोर्ट है लेकिन यह कैसे हो सकता है कि यह रिपोर्ट आज तक कमिटी में क्यों नहीं आई.
- समझ नहीं आता कि यह पीएसी कहां चल रही है. हो सकता है मोदी जी ने पीएमओ में अपनी पीएसी बैठा रखी हो. संस्थाओं की ऐसी की तेसी कर दी है और धज्जियां उड़ा दी हैं.
- पूरा हिंदुस्तान समझता है कि चौकीदार चोर है. हम इसको साबित करके दिखाएंगे कि हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री अनिल अंबानी का दोस्त है और अनिल अंबानी को उसने चोरी कराई है.
- मोदी जी आप जितना छिपना चाहते हैं छिप जाइये, आप नहीं बच सकते जिस दिन इस पर जांच हो गई उसके बाद दो नाम निकलेंगे, नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि उन्होंने ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी और न ही यह संसद में पेश की गई. उन्होंने कहा कि इसके बारे में सीएजी को भी नहीं पता है क्योंकि उन्होंने डिप्टी सीएजी बुलाकर पूछा था लेकिन उन्हें भी इसके बारे में नहीं पता है.
उन्होंने कहा कि पीएसी के पास ऐसी कोई रिपोर्ट आई होती तो संसद में पेश होती और वह सार्वजनिक होती, जब तक ऐसी रिपोर्ट संसद में नहीं पेश की जाती तब तक इसका ज़िक्र कहीं बाहर भी नहीं होना चाहिए.