वरुण गांधी, राहुल, कांग्रेस और बीजेपी के बीच क्यों खामोश हैं अखिलेश यादव? जानिए वजह
उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा पहुंचने से पहले राजनीतिक हलचल कई वजहों से बढ़ी हुई है. इसमें सबसे खास वजह पीलीभीत के बीजेपी सांसद वरुण गांधी हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान के बाद संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी सांसद कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव इस मामले में पूरी तरह खामोश नजर आ रहे हैं.
बीजेपी सरकार पर बीते लंबे वक्त निशाना साध रहे वरुण गांधी ने पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं. इस संबंध में कई तरह की अटकलें भी चल रही हैं. लेकिन सपा प्रमुख इस मुद्दे पर खामोश नजर आ रहे हैं. इसकी दो खास वजह नजर आ रही है. दरअसल, मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का क्षेत्र पीलीभीत, आंवला और सुल्तानपुर लोकसभा रहा है. इस क्षेत्र में राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार इनकी खासी अच्छी पकड़ है.
सपा को लेकर भी हैं अटकलें
अगर वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल होते हैं तो बीजेपी के लिए इन क्षेत्रों में अपना जनाधार बचाना और फिर से इन लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करना एक चुनौती होगी. वहीं अगर वरुण गांधी बीजेपी छोड़ते हैं, तो बीजेपी के वोट कम होने पर इन क्षेत्रों में इसका सीधा लाभ सपा को मिलेगा. वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो एक और चर्चा चल रही है. कुछ राजनीतिक के जानकार ये भी कह रहे हैं कि वरुण गांधी सपा में भी शामिल हो सकते हैं.
हालांकि वरुण गांधी के सपा में शामिल होने की संभावना कम है. साथ ही अभी तक उन्होंने ऐसा कोई संकेत भी नहीं दिया है. जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनके चचेरे भाई-बहन हैं. इस वजह से वे कांग्रेस में जाकर फिर से परिवार के साथ एक हो सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अखिलेश यादव वरुण गांधी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.