महिला नीति बनी नहीं, जेंडर बजट पेश होगा
– एकल महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन पर नहीं हुआ कोई सर्वे
– 6 लाख परिवार गरीब रेखा से नीचे, राज्य महिला आयोग सफेद हाथी
गुणानंद जखमोला
आज प्रदेश का वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश होगा। बजट लगभग 90 हजार करोड़ का होगा, ठीक उतना ही जितना प्रदेश पर कर्ज का बोझ है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के मुताबिक जेंडर बजटिंग होगा। जेंडर बजटिंग का अर्थ है कि लैंगिक समानता। लड़कियों और महिलाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय नीति। महिलाओं के खिलाफ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिये 2005 से भारत ने औपचारिक रूप से वित्तीय बजट में जेंडर उत्तरदायी बजटिंग को स्वीकार किया था।
दो महीने में लोकसभा चुनाव होने हैं तो साफ है कि बजट के माध्यम से महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों का साधने की कोशिश की जाएगी। 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 37 लाख 58 हजार महिला मतदाता थी। इस बार लगभग 40 लाख के करीब महिला वोटर होंगी। उन्हें लुभाना है। पिछले 23 साल में सत्ताएं आई और गईं, लेकिन राज्य में महिला नीति नहीं बनी। प्रदेश में 2 लाख 12 हजार महिलाएं विधवा पेंशन ले रही हैं। इसके अलावा अन्य हजारों एकल महिलाएं भी हैं, मसलन परित्यागी, गैर-शादीशुदा। इन महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर 23 साल में एक भी सर्वे नहीं हुआ कि आखिर ये महिलाएं किस हाल में रह रही हैं।
एनसीआरबी की हाल में जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 26 प्रतिशत अपराध बढ़ गये हैं। राज्य महिला आयोग चुप्पी साधे हुए है। अंकिता भंडारी हत्याकांड में महिला आयोग की भूमिका पर सवाल हैं। राज्य महिला आयोग सफेद हाथी बना हुआ है। यह सही है कि पंचायती चुनावों में 56 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं का कब्जा है लेकिन प्रधानपति ही राज करता है। प्रदेश में आज भी हर महीने 15 से 20 गर्भवती महिलाओं की मौत हो जाती है। कहीं कोई आवाज नहीं है। गरीबी रेखा से नीचे लगभग 6 लाख परिवार रह रहे हैं, लेकिन इनके उत्थान की कोई कारगर योजना नहीं है। आजीविका मिशन, स्वरोजगार और महिलाओं को उदार शर्तों पर ऋण संबंधी योजनाओं का सही क्रियान्वयन और पारदर्शिता की कमी से उतना उद्वार नहीं हो सका, जितना होना चाहिए था।
ऐसे में यदि 2007 में महज तीन हजार रुपये पगार पाने वाला विधायक आज की तारीख में 10 बड़े प्लाट, कोठी, फैक्टरी और मॉल का मालिक बन गया और उसकी बेटी लोकसभा टिकट की दावेदार, को जेंडर बजटिंग का आधार माना जाए तो सही में प्रदेश 2025 तक अग्रणी राज्य बन जाएगा।