कर्मकार कल्याण बोर्ड फिर विवादों में, आपसी लड़ाई में अध्यक्ष भूले नियम-कानून, सचिव को हटाने को दिए आदेश

karmkar board

देहरादून। उत्तराखण्ड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने मानो जैसे विवादों से अपना नाता जोड़ लिया है। बोर्ड में वर्चस्व की लड़ाई जगजाहिर है। पदाधिकारियों और अधिकारियों की आपसी जंग में सभी अपने अधिकार और नियम कायदे भूल गये हैं। ताजा मामला बोर्ड की अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की ओर से जारी एक आदेश से उपजा है। बताया जा रहा है कि ये आदेश बोर्ड के अध्यक्ष ने नियम-कायदों को ताक पर रख कर जारी किया है।

जानकारी के मुताबिक बुधवार को बोर्ड आफिस से हटाये गये चार कर्मिैयों ने बोर्ड दफ्तर में जमकर हंगामा काटा। बात सिर्फ हंगामें तक ही नहीं रही बल्कि नाराज इस कर्मियों ने सचिव मधु नेगी से बदसलूकी भी की। इन कर्मचारियों ने बोर्ड अध्यक्ष शमशेर सिंह की ओर से जारी आदेश पत्र भी सचिव को सीधे सौंप दिया। इस पत्र में अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की ओर से सचिव मधु नेगी को पद से हटाने के आदेश थे।

कर्मचारियों के इस हंगामे की सूचना सचिव मधु नेगी ने पुलिस को दी। लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही आरोपी ये कर्मचारी वहां से रफूचक्कर हो गये। हालांकि मधु नेगी ने इन कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में तहरीर दे दी है। जानकारी के मुताबिक हटाये गये ये कर्मचारी अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के करीबी हैं। और इन कर्मचारियों की बहाली को लेकर बोर्ड अध्यक्ष मधु नेगी पर दबाव बना रहे हैं।

इससे पहले भी पहले कई मर्तबा बोर्ड अध्यक्ष और सचिव की आपसी कलह खुलकर सामने आई है। अध्यक्ष शमशेर सिंह बिष्ट का आरोप है कि सचिव मधु नेगी बोर्ड की विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही हैं। यहां तक की वे सचिव मधु नेगी की इस कार्यशैली की शिकायत मुख्यमंत्री से भी कर चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक हाल ही में सचिव मधु नेगी ने बोर्ड में काम करने वाले कुछ उपनलकर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी किये थे। लेकिन बोर्ड अध्यक्ष ने हटाये गये उपनलकर्मियों को बहाली के आदेश जारी कर दिए गये। ऐसे में बोर्ड के पदाधिकारी और अफसर अपनी मूंछो की लड़ाई में नियम कायदों का ताक पर रख कर काम कर रहे हैं। जिसका असर बोर्ड के कामकाज पर पड़ रहा है।

बोर्ड सचिव को हटाने के नियमः

उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव को हटाने के लिए शासन का अनुमोदन जरूरी है। सचिव मधु नेगी को मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर यह पद दिया गया है। उन्हें हटाने के लिए भी उसी प्रक्रिया के तहत शासन से ही आदेश जारी होना चाहिए। लेकिन इन नियमों को भुलाते हुए कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष ने सीधे सचिव मधु नेगी को हटाने से जुड़ा पत्र जारी कर दिया।

अध्यक्ष के पास सचिव को हटाने का अधिकार नहीं

श्रम सचिव सचिव हरबंश चुघ ने बताया कि सचिव मधु नेगी को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद यह तैनाती दी गई है। ऐसे में उन्हें हटाने के लिए शासन का अनुमोदन लिया जाना जरूरी है।