September 22, 2024

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन

देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में नेक के संशोधित मान्यता हेतु प्रतिरूप के विषय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि और वक्ता राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के सलाहकार डॉ० निलेश पांडे और एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर वी०ए० बौड़ाई रहे।

कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को शुभकामनाएं प्रेषित की।

कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० यू०एस० रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय में बौद्धिकता का समावेश है। आज नई शिक्षा नीति 2020 को लागू किए जाने की बात चल रही है जो छात्रों के हित में है।

उन्होंने कहा कि पुरानी शिक्षा नीति में बहुत सी खामियां थी जिन्हें दूर किया जाना बहुत जरूरी है। आज मूल्य आधारित शिक्षा कि छात्रों को अत्यधिक आवश्यकता है। पुरानी शिक्षा पद्धति के द्वारा यह संभव नहीं है। इसीलिए आज नौकरियों पर आधारित कोर्स के साथ ही स्थानीय भाषा, कृषि के विकास और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित पाठ्यक्रम की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि यह सुनहरा अवसर है जब सभी के सुझाव और विचारों के आधार पर एक अच्छा परिवर्तन ला कर नई शिक्षा नीति को तैयार किया जा सकता है।उन्होंने विश्वविद्यालय में आगामी नेक ग्रेड के लिए की जाने वाली तैयारियों की भी प्रशंसा की और सभी उपस्थित शिक्षकों का मार्गदर्शन किया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर वी०ए० बौड़ाई ने कहा कि नेक सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक हो गया है, जिसे एक-दो दिन में पूरा नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने इसके लिए टीम वर्क की आवश्यकता बताई और कहा कि इसमें 70 प्रतिशत मात्र मात्रात्मक मैट्रिक्स का प्रयोग किया जा रहा है वहीं 30 प्रतिशत गुणात्मक मैट्रिक्स के द्वारा इसमें अच्छी रैंकिंग पाई जा सकती है। उन्होंने एक छोटी सी गलती को भी एक बड़ी समस्या नेक में बताया।

नेक के सलाहकार डॉ० निलेश पांडे ने उपस्थित शिक्षकों को इससे संबंधित विभिन्न क्राइटेरिया के साथ ही नेक में प्रयुक्त होने वाली शब्दावली और ग्रेड से संबंधित पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने इसे आज की आवश्यकता बताया और पुराने समय के चले आ रहे पाठ्यक्रम में बदलाव को समाज के हित में आवश्यक बदलाव की संज्ञा दी।

कार्यशाला का संचालन इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल की डायरेक्टर प्रोफेसर कुमुद सकलानी ने किया। वहीं कार्यक्रम के समापन पर वोट ऑफ थैंक्स विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर दीपक साहनी ने दिया।

इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रोफ़ेसर मनोज गहलोत, विश्वविद्यालय समन्वयक प्रोफेसर आरपी सिंह, डीन अकैडमी प्रोफेसर मालविका कांडपाल, डीन रिसर्च प्रोफ़ेसर लोकेश गंभीर के साथ ही सभी संकाय के संकायअध्यक्ष और शिक्षक उपस्थित रहे।


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