September 22, 2024

भूस्खलन न्यूनीकरण तथा जोखिम प्रबंधन पर किया गया कार्यशाला का आयोजन

 

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एनडीएमए द्वारा प्रायोजित भूस्खलन जोखिम न्यूनीकरण योजना के तहत उत्तराखंड में भूस्खलन न्यूनीकरण तथा जोखिम प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए सचिव राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि उत्तराखंड में भूस्खलन एक गंभीर समस्या है और हर साल इससे बहुत ही कीमती जान-माल का नुकसान होता है। भूस्खलन या किसी अन्य आपदा को समझने के लिए, उसका सामना करने के लिए, पुख्ता तैयारी के लिए बहुत सारे विषयों को एक समग्र दृष्टिकोण से समझना होगा, तभी हम आपदा सुरक्षित प्रदेश की कल्पना को सार्थक कर पाएंगे।

सड़क काटने के बाद एक पुश्ता लगाने भर से काम नहीं चलेगा। हमें वहां के भूविज्ञान को समझना होगा, भू-भौतिक विज्ञान को समझना होगा, इंजीनियरिंग के साथ जल विज्ञान तथा मिट्टी की संरचना को समझना होगा। भूस्खलन का सामना करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि भूस्खलन देखने में तो एक प्राकृतिक आपदा प्रतीत होती है, लेकिन कहीं न कहीं इसके पीछे मानव द्वारा उत्पन्न परिस्थितियां भी मुख्य कारण हैं। विकास भी जरूरी है और पर्यावरण का संरक्षण भी जरूरी है। इन दोनों ही प्रक्रियाओं के बीच एक संतुलन स्थापित होगा, तभी जाकर आपदाओं का सामना करने में हम सक्षम हो पाएंगे।

पहाड़ों में ढलानों को जब किसी विकास संबंधित गतिविधि के लिए डिस्टर्ब किया जाता है तो उसी समय उसका उचित ट्रीटमेंट भी किया जाना जरूरी है, ताकि वह स्थान भविष्य में किसी प्रकार से भी आपदा के लिहाज से खतरा न बने।


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