September 22, 2024

अमीर देशों के बूस्टर डोज प्रोग्राम से भड़का डब्ल्यूएचओ, बोला- इससे लंबे समय तक रहेगी महामारी, गरीब देशों को नहीं मिल पाएगी वैक्सीन

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर बूस्टर डोज को लेकर अमीर देशों की आलोचना की है. उसने कहा कि इससे वैक्सीन की असामनता बढ़ेगी और महामारी लंबे समय तक रहेगी. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि बूस्टर डोज की शुरुआत के कारण गरीब देशों और अमीर देशों के बीच वैक्सीन असामनता में इजाफा होगा. मामले में डब्ल्यूएचओ के महानिदेश टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि कोविड-19 बूस्टर कार्यक्रम से महामारी खत्म होने के बजाय लंबे समय तक बनी रहेगी.

उन्होंने कहा, ‘उन देशों की तरफ वैक्सीन की आपूर्ती डायवर्ट की जा रही है, जहां पहले से ही उच्च टीकाकरण दर है. इससे कोरोना वायरस को अधिक तेजी से फैलने और म्यूटेट होने का अवसर मिलेगा. जिससे संभावित रूप से महामारी का विस्तार होगा.’ दरअसल बीते महीने दक्षिण अफ्रीका में मिले ओमिक्रॉन वेरिएंट  के बाद अमीर देशों में बूस्टर डोज लगाने की होड़ मची हुई है. सभी का मानना है कि बूस्टर डोज इस वेरिएंट पर अधिक प्रभावी है. जबकि डब्ल्यूएचओ ने इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं की है.

डब्ल्यूएचओ ने बताया जरूरी नहीं बूस्टर डोज

डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर में बूस्टर डोज को लेकर प्रचलित हुई विचारधारा की आलोचना की और बताया कि यह क्यों एक अच्छा विचार नहीं है. संयुक्त राष्ट्र  की एजेंसी ने टीकाकरण पर रणनीतिक सलाहकार समूह (एसएजीई) और उसके कोविड-19 वैक्सीन वर्किंग ग्रुप के परामर्श ने यह निष्कर्ष निकाला है कि अस्पताल में भर्ती होने और कोरोनो वायरस बीमारी से होने वाली मौतों में अधिकांश वो लोग शामिल हैं, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है. इनमें पूर्ण टीकाकरण या बूस्टर डोज वाले लोग शामिल नहीं हैं.

गरीब देशों तक वैक्सीन की पहुंच मुश्किल

संगठन ने कहा, ‘वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति को लेकर जारी बाधाओं और असमानताओं के संदर्भ में, बूस्टर डोज कार्यक्रम ने पर्याप्त वैक्सीन वाले देशों में इसकी मांग को बढ़ाकर और आपूर्ति को डायवर्ट करके अन्य गरीब देशों के लिए वैक्सीन की पहुंच को मुश्किल कर दिया है (Booster Dose on Omicron Variant). जबकि बहुत से देश ऐसे भी हैं कि जहां प्राथमिकता तौर पर आबादी को वैक्सीन नहीं मिली है.’ उसने कहा कि 2022 के मध्य तक सभी देशों में कोविड-19 वैक्सीन के साथ 70 फीसदी कवरेज की उपलब्धि वैश्विक अनिवार्यता है. सभी देश कोवैक्स के साथ तेजी से बढ़ती वैक्सीन आपूर्ति के रणनीतिक इस्तेमाल को आसान करने के लिए काम करेंगे.


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