September 23, 2024

थोक महंगाई के मोर्चे पर मिली राहत! सितंबर में 10.66% पर पहुंचा आंकड़ा

सितंबर में थोक महंगाई दर घटकर 10.66 फीसदी पर पहुंच गई है. सरकार ने गुरुवार को इसका डेटा जारी किया है. थोक महंगाई दर में गिरावट की बड़ी वजह खाने की चीजों कीमतों का घटना है. हालांकि, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में तेजी देखी गई है. थोक महंगाई दर लगातार छठें महीने 10 फीसदी से ज्यादा बनी रही है. अगस्त में, यह 11.39 फीसदी थी. जबकि सितंबर 2020 में, थोक महंगाई 1.32 फीसदी रही थी.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर 2021 में महंगाई की ऊंची दरों की वजह मुख्य तौर पर मिनरल ऑयल, बेसिक मैटल्स, खाने की चीजों, गैर-खाने की चीजों, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कैमिकल और नॉन-कैमिकल प्रोडक्ट्स की कीमतों में पिछले साल के समान महीने के मुकाबले बढ़ोतरी है.

खाने की चीजों में लगातार पांचवें महीने गिरावट

डेटा के मुताबिक, खाने की चीजों की थोक महंगाई में लगातार पांचवें महीने गिरावट देखी गई है. सितंबर में यह आंकड़ा (-) 4.69 फीसदी पर रहा है, जो अगस्त में (-) 1.29 फीसदी पर था. इसकी मुख्य वजह सब्जियों की कीमतों में गिरावट आना है. दालों की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रही और यह 9.42 फीसदी पर पहुंच गई है.

वहीं, तेल और ऊर्जा के क्षेत्र में थोक महंगाई दर सितंबर में 24.91 फीसदी पर रही. इससे पिछले महीने यह 26.09 फीसदी पर रही थी. क्रूड पेट्रोलियम और नैचुरल गैस की कीमतों में बढ़ोतरी सितंबर में 43.92 फीसदी की रही है. यह इससे पिछले महीने अगस्त में 40.03 फीसदी रही थी.

मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की बात करें, तो इसकी थोक महंगाई दर महीने के दौरान 11.41 फीसदी पर रही है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) अपनी मॉनेटरी पॉलिसी को तय करते समय मुख्य तौर पर खुदरा महंगाई को देखता है. इस महीने की शुरुआत में, उसने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला लिया था.

आपको बता दें कि बीते महीने देश में खुदरा महंगाई (CPI inflation) 4.35 फीसदी पर रही है. अगस्त महीने में यह 5.3 फीसदी पर रही थी. जबकि, सितंबर 2020 में यह 7.3 फीसदी पर रही थी. सरकार द्वारा मंगलवार को जारी डेटा के मुताबिक, इसकी वजह खाने की चीजों की महंगाई में गिरावट आना है.


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