मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद गैंग पर कार्रवाई तेज, आर्थिक रूप से तोड़ने में जुटी योगी सरकार
यूपी सरकार ने मुख़्तार अंसारी और अतीक अहमद गैंग पर कार्रवाई के बहाने माहौल बदलना शुरू कर दिया है. दोनों बाहुबली नेताओं और उनके समर्थकों की घेराबंदी तेज हो गई है. मुख़्तार अंसारी और उनके बेटों पर तो मुक़दमा भी दर्ज हो गया है. मुख़्तार के खिलाफ कार्रवाई न होने को लेकर यूपी पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे थे.
पिछले कुछ दिनों से यूपी में राम बनाम परशुराम की राजनीति चल रही है. आरोप लग रहे हैं कि एक खास जाति के अपराधियों पर ही कार्रवाई हो रही है. मुख़्तार अंसारी के यूपी से पंजाब चले जाने पर भी तरह तरह की बातें हो रही हैं. कहा जा रहा है कि जेल और पुलिसवालों की मिलीभगत से उन्हें जाने दिया गया. पंजाब में मोहाली के एक बिल्डर को धमकी देने के आरोप में मुख़्तार पर केस हुआ. फिर पंजाब की पुलिस उन्हें लेकर अपने यहां चली गई. तब से किसी न किसी बहाने वे यूपी आने से बच रहे हैं.
सोची समझी साजिश है पंजाब चले जाना!
बीमारी का बहाना बना कर वे पंजाब में ही रह जाते हैं. इस तरह मुख़्तार अंसारी यूपी में अलग अलग अदालतों में पेशी पर आने से बच जाते हैं. डबल मर्डर के एक मामले में एमपीएमएलए कोर्ट में सुनवाई आख़िरी दौर में है. कहा जा रहा है कि इस केस में गवाहों और सबूतों के आधार पर मुख़्तार को सजा हो सकती है. ऐसे हालात में मुख़्तार का यूपी के बांदा जेल से पंजाब चले जाना सोची समझी साज़िश के रूप में देखा जा रहा है.
मुख्तार गैंग पर कार्रवाई तेज
अब पब्लिक में जारी इन चर्चाओं के बीच मुख़्तार अंसारी गैंग पर दनादन कार्रवाई तेज हो गई है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती पुलिस और सरकारी मशीनरी में घुसे मुख़्तार के लोगों को ठीक करने की है. जिनकी वजह से बसपा के बाहुबली विधायक लगातार क़ानून से बचते रहे हैं. उन पर हत्या, अपहरण और दंगा से लेकर क़रीब डेढ़ दर्जन मुक़दमे चल रहे हैं लेकिन अब तक किसी मामले में उन्हें सजा नहीं हुई.
अंसारी का घर गिराया
योगी सरकार अब मुख़्तार अंसारी और उनके लोगों को आर्थिक रूप से तोड़ने के फ़ार्मूले पर काम कर रही है. इसी सिलसिले में लखनऊ में अंसारी परिवार का घर गिराया गया. ये ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से बना था. इस मामले में अंसारी और उनके दोनों बेटों पर केस भी हुआ. सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस ने ट्वीट कर बताया कि 66 करोड़ की अवैध संपत्ति ज़ब्त की गई है. अंसारी गैंग के बारह लोगों को छह महीने के लिए ज़िलाबदर कर दिया गया है.