तू चोर मैं सिपाही, मैं कांग्रेसी तू भाजपाई! यूकेडी भी तो साथ में रही है भाई!
शक्ति सिंह बर्त्वाल
देहरादून। उत्तराखण्ड में इन दिनों ‘फटी जींस हिट मार्का’ पूर्व सीएम और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत के हालिया बयान पर राजनीति चरम पर है। सोशल मीडिया में वायरल पूर्व सीएम तीरथ सिंह के मुताबिक यूपी के समय में वे 20 प्रतिशत कमीशन की बात सुना करते थेे, और उत्तराखण्ड में 20 प्रतिशत कमीशन से आगे शुरूआत हुई है। गढ़वाल सांसद का ये बयान सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार को लेकर दिया गया है। यहां बता दे कि उत्तराखण्ड की अंतरिम सरकार में मौजूदा गढ़वाल सांसद शिक्षा मंत्री हुआ करते थे। गढ़वाल सांसद को यहां ये भी बताना चाहिए कि शिक्षा मंत्री रहते उन्होंने विभाग में 20 प्रतिशत कमीशन को जीरो प्रतिशत लाने में क्या योगदान दिया? जब उत्तराखण्ड में इस बीस प्रतिशत से आगे की नींव धरी जा रही थी वे कहां थे?
जिम्मेदार नेता है तीरथ
गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत वायरल वीडियो में बताते हैं कि ‘वे बड़ी जिम्मेदारी से कहते हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है और यह कहने में उन्हें कोई हिचक नहीं है।’ इसमें कोई दो राय नहीं है कि तीरथ सिंह रावत जिम्मेदार नेता है। वे छात्र नेता रहे है, उत्तर प्रदेश के जमाने में एमएलसी रहे हैं। उत्तराखण्ड की अंतरिम सरकार में शिक्षा मंत्री रहे हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा की पिछली सरकार में तीन-चार महीने सीएम रहे हैं। और मौजूदा गढ़़वाल सांसद है। और सबसे बड़ी बात देश-प्रदेश में सत्ता में काबिज डबल इंजन सरकार की नुमाइंदगी करते हैं।
तीरथ के बयानों का मीडिया विश्लेषण
तीरथ के बयानों का मीडिया में अलग-अलग विश्लेषण देखने को मिल रहे हैं। मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित खबरों के मुताबिक गढ़वाल सांसद के हालिया बयान प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की ओर इशारा करते हैं। इससे पहले अंकिता हत्याकांड में वनंत्रा रिसार्ट में बुलडोजर चलाये जाने पर भी गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत सवाल उठा चुके हैं। यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में सरकार की तरफ से जांच के नतीजे जगजाहिर है। इस मामले में कई आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं। अंकिता हत्याकांड में एसआईटी की जांच सवाल के घेरे में है। सामाजिक संगठन इस जांच पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं वनंत्रा रिजार्ट में बिना देरी किए बुलडोजर चलाकर सबूत नष्ट करना और यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में आरोपी हाकम सिंह के रिजॉर्ट को ध्वस्त करने के लिए सरकारी आदेशों के बावजूद तीन दिन तलक बुलडोजर ना मिलना भी कई सवाल को छोड़ गया है।
प्रदेश में वर्दी की सरकार
वहीं उत्तराखण्ड के सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश में वर्दी की सरकार चल रही है। कभी शासन-सत्ता का ‘आभूषण’ कहे जाने वाली वर्दी अब सरकार के फैसले ले रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में शासन प्रशासन में कोई भी फैसला ‘वर्दी’ के इशारे पर हो रहा है। शासन के फैसले लेते समय वर्दी के सामने कोई अड़चन पैदा ना हो, बाकायदा इसके लिए वर्दी को ‘विशेष’ दर्जा इस सरकार में दिया गया है। जो कि पूरे भारत में अपनी तरह एक अनोखा मामला है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस के बड़े जिम्मेदारों से लेकर निचले स्तर कर्मचारी सोशल मीडिया में अपने ‘लाइक्स’ बढ़ाने में व्यस्त हैं। विभाग में सोशल मीडिया में हिट होने का संक्रामक रोग टॉप टू बॉटम फैल गया है। मीडिया के जरिये ये खबरें सामने आ भी चुकी है। वर्दी को कानून व्यवस्था संभालने के बजाय सरकार की ‘छवि निर्माण’ का काम सौंप दिया गया है।
विपक्ष का विलाप राग
प्रदेश में हाशिये में खड़ी कांग्रेस को मानो गढ़वाल सांसद तीरथ के बयान ने संजीवनी दे दी है। इस बयान की आधार पर कांग्रेसी डबल-इंजन की सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। तीरथ का बयान ऐसे समय में आया है जब प्रदेश अपनी स्थापना के बाइस बरस पूरे कर चुके है। इन बाइस सालों में कांग्रेस और बीजेपी बारी-बारी से प्रदेश में सत्ता का सुख भोग चुकी है। उत्तराखण्ड की आवाज को बुलंद करने का दावा करने वाली उत्तराखण्ड क्रांति दल भी सत्ता में भाजपा-कांग्रेस दोनों के साझेदार रह चुकी है।
तीरथ के बयान से विपक्ष भी है सहमत
गढ़वाल सांसद तीरथ की भ्रष्टाचार पर दिए गये बयान पर पूरा विपक्ष सहमत नजर आता है। विपक्षी नेता भी बड़ी बेहयाई से भ्रष्टाचार के इस गंभीर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने में तुले हुए हैं। कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व सीएम हरीश के मुताबिक तीरथ का बयान आम आदमी का दर्द बयां करता है। इससे असहमत होने का कोई प्रश्न ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आम आदमी इस दर्द से पीड़ित है। यहां तो सरकार के लोग ही भ्रष्टाचार की बात कर रहे है, तो फिर आम आदमी को भ्रष्टाचार से कौन बचाएगा?