मोदी सरकार में रद्दी होंगे 1824 से ज्यादा पुराने कानून
इसके लिए 1824 पुराने कानून चिंहित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन पुराने कानूनों में समय के साथ सुधार की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक भारत में पुरातन कानूनों की कोई प्रासंगिकता नहीं थी। यह कानून पुरातन अवशेष की तरह सालों से शेष पड़े थे। नए कानूनों से प्रशासन चलाने और व्यापार करने में आसानी होगी। प्रसाद ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने शुरुआत में ही यह साफ कर दिया था कि ये इन कानूनों का डायनासोर की भांति विलुप्त होने का समय आ गया है।
गौरतलब है कि इसके पहले रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट के फैसले के बारे में बताया था कि मोदी सरकार आने के बाद मई, 2014 से अगस्त, 2016 के बीच 1,175 ऐसे पुराने कानूनों को हटाया जा चुका है, जिनका अब कोई औचित्य नहीं रह गया था। प्रसाद ने कहा था कि मोदी सरकार ने ऐसे 1,824 केंद्रीय कानूनों की पहचान की, जिनका अब उपयोग नहीं रहा है और ये बेकार पड़ हुए हैं। उनके अनुसार कानूनों की जांच के लिए गठित की गई समिति की सिफारिश पर मिनिस्ट्री से मंजूरी मिलने के बाद सरकार 1174 कानून निरस्त कर चुकी है।